अखबार प्रबंधन के खिलाफ अकेले झंडा बुलंद करने वाले हिमाचल के पत्रकार रविंद्र अग्रवाल को उस समय पहली कामयाबी हाथ लगी, जब वीरवार को हिमाचल हाईकोर्ट ने मजीठिया वेज बोर्ड को लेकर उनकी याचिका को स्वीकार करते हुए इसे गंभीरता से लिया। वीरवार को रविंद्र अग्रवाल बनाम यूनियन आफ इंडिया केस की प्री एडमिशन स्टेज पर पहली सुनवाई करते हुए माननीय चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली डबल बैंच ने न केवल इसे एडमिट किया बल्कि इसे माननीय सर्वोच्च न्यायालय की अवमानना का मामला भी माना है।
माननीय डबल बैंच ने रविंद्र अग्रवाल की ओर से दायर सीविल रिट पेटिशन का संज्ञान लेते हुए इसे सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ अवमानना का मामला माना है। इस मामले में केंद्रीय श्रम विभाग के अलावा अमर उजाला प्रकाशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक को भी सीधे पार्टी बनाया गया है। हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस मंसूर अहमद मीर व जस्टिस धर्मचंद चौधरी की डबल बैंच ने सीडब्ल्यूपी/५९७५/२०१४ की सुनवाई करते हुए अमर उजाला के एमडी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवमानना का मामला मानते हुए अगली सुनवाई की तारीख भी दे दी है। इस दौरान अमर उजाला के एमडी से जवाब तलब किया गया है।
अगली तारीख अगले सप्ताह २८ अगस्त को रखी गई है। कोर्ट में केस एडमिड होने और अगली तारीख भी कम समय में रखे जाने के बाद से अमर उजाला प्रबंधन के होश उड़े हुए हैं। चरचा है कि कोर्ट की डबल बैंच ने पत्रकारों के साथ हो रहे न्याय को गंभीरता से लिया है और बाकी अखबारों के लिए भी खतरे की घंटी बज चुकी है। उधर, माता के बीमार होने के कारण कई दिनों से अस्पताल के चक्कर काट रहे रविंद्र अग्रवाल ने बताया कि कोर्ट के निर्णय के चलते उन्हें इस माह की पहली अच्छी खबर सुनने को मिली है। नहीं तो पारिवारिक कारणों से परेशानी के बीच अखबार प्रबंधन ने भी उन्हें परेशान करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। जम्मू यूनिट में ज्वाइन न करने पर कार्रवाई की नोटिस निकालने के बाद प्रबंधन ने आखिर में १४ अगस्त को एक पत्र निकाल कर उन्हें २० अगस्त को नोएडा तलब किया था। हालांकि यह पत्र उन्हें स्पीड पोस्ट के माध्यम से १९ अगस्त को दोपहर बाद मिला था, मगर माता के अस्पताल में एडमिट होने के कारण वे नोएडा नहीं जा पाए थे। इसकी सूचना उन्होंने मुख्य एचआर को मेल से दे दी थी।
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Comments on “पत्रकार रविंद्र अग्रवाल की बड़ी जीत : मजीठिया संबंधी याचिका हाईकोर्ट में स्वीकार, एमडी राजुल माहेश्वरी से जवाब-तलब”
रविन्द्रजीको बधाई। बीना लड़ाई के कीसी को कुछ नहीं मिलता।यहां अहमदाबाद भास्कर युनिट में भी इसी तरह का केस चल रहा है। हमें हिंमत नही हारनी है । लड़ाई लंबी है मगर परिणाम तो अवश्य मिलेगा। अापको हमारी शुभकामनाए।
Ravindra ji congratulation for legal battle.
Satya Meva Jayate!!!
good bro hum aapk sath h
Ravindra Aggarwal ji ko Shubhkamnayein… Issey Jaari rakkhein… Safalta jaroor milegi… Ab to Sabhi workers ko “Jaag Janaa chahiye” aur Sabhi Akhbaaron ke karmchariyon ko ek-jut hona chahiye… main bhi unmein se ek hoon..
wht hapn on 28-Aug?????
हौसला बढ़ाने के लिए
सभी साथियों का शुक्रिया।