उत्तर प्रदेश मैं योगी सरकार भले ही पत्रकारों की सुरक्षा के लंबे चौड़े दावे करें मगर हकीकत इससे परे है। आए दिन पत्रकारों पर हमले हो रहे हैं और पत्रकारों को जेल जाना पड़ रहा है। पीलीभीत में तो हद ही हो गई मुख्यमंत्री पोर्टल की शिकायत पर आरोपी ओजस्वी डायग्नोस्टिक सेंटर का पक्ष जानने गए दो चैनल रिपोर्टरों को डाक्टरों ने बंधक बनाकर ना सिर्फ मारपीट की बल्कि कैमरा व नगदी लूट ली। बाद में पुलिस कि हवाले कर मुकदमा दर्ज करा दिया। आक्रोशित पत्रकारों ने थाना घेरा तो डाक्टरों पर भी लूट का मुकदमा दर्ज करना पड़ा और पकड़ कर लाए गए दोनों रिपोर्टर भी छोड़ने पड़ गए।
जिंदा गर्भस्थ शिशु को रिपोर्ट में बता दिया था मृत
पीलीभीत के कस्बा न्यूरिया निवासी नदीम अहमद ने अपनी गर्भवती पत्नी को शहर में अशोक कॉलोनी स्थित गुरुनानक नर्सिंग होम पर डॉक्टर परमजीत कौर को दिखाया तो उन्होंने अल्ट्रासाउंड ओजस्वी डायग्नोस्टिक सेंटर से करा कर लाने को कहा। उन्होंने यह भी कहा कि वह ओजस्वी डायग्नोस्टिक सेंटर के अलावा अन्य कहीं की रिपोर्ट को नहीं मानेगी। ओजस्वी डायग्नोस्टिक सेंटर ने जो रिपोर्ट दी, उसमें गर्भस्थ शिशु को मृत दर्शाया। डॉ. परमजीत कौर ने नदीम को तत्काल पत्नी का गर्भपात कराने के लिए प्रेरित किया लेकिन नदीम को इस रिपोर्ट पर कुछ आशंका हुई तो उसने दूसरे डायग्नोस्टिक सेंटर पर जाकर फिर से अल्ट्रासाउंड कराया तो रिपोर्ट ठीक विपरीत निकली जिसमें पूरी तरह गर्भस्थ शिशु को जिंदा होना दर्शाया गया। जब नदीम पुनः डॉक्टर परमजीत कौर से मिला तो उन्होंने दूसरी रिपोर्ट को झुठला दिया और फिर ओजस्वी डायग्नोस्टिक सेंटर की ही रिपोर्ट को सही मानते हुए गर्भपात करने के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया। तब नदीम अहमद ने मामले की शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल पर की तो मामला अखबारों की सुर्खियां बन गया। प्रकरण मीडिया में उछलने पर चिकित्सा का संगठन आईएमए (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) में हड़कंप मच गया आईएमए आरोपी चिकित्सकों के बचाव में आ गया। अंदर खाने तय कर लिया कि किसी भी निजी अस्पताल में कवरेज करने जो भी पत्रकार आए उसे घेर लो, आईएमए निपट लेगी।
यह हुई घटना
गर्भस्थ शिशु को अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में मृत दर्शाने की रिपोर्ट जारी करने के गंभीर मामले में जब कवरेज करने सुदर्शन न्यूज़ के संवाददाता अवधेश गुप्ता व स्वराज एसएमबीपी के संवाददाता आकाश पाठक ओजस्वी डायग्नोस्टिक सेंटर पर पहुंचकर बाहर से वीडियो बनाने लगे और वर्जन लेने के लिए डॉक्टर के बारे में पूछा तो इतनी ही देर में बाहर निकल कर आई डॉ.ओजस्वी शर्मा उनके पति डॉ. अनुराग प्रकाश ने दोनों चैनल रिपोर्टरों को अंदर बुला कर हंगामा शुरू कर दिया। ओजस्वी डायग्नोस्टिक सेंटर के ही सामने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. तरुण सेठी का तरुण नर्सिंग होम है, डाक्टरों के व्हाट्सएप ग्रुप पर मैसेज चलते ही आईएमए अध्यक्ष डॉ. तरुण सेठी अपने भाई डॉ. भारत सेठी के साथ सेंटर पर आ गए। पीडीएस हॉस्पिटल के संचालक डॉ. पीडी सिंह भी मौके पर पहुंच गए। कुछ ही देर मेंं ओजस्वी डायग्नोस्टिक सेंटर पर लाखों का हुजूम लग गया और इकट्ठे हुए डॉक्टरों ने दोनों रिपोर्टरों का मोबाइल छीन लिया और उनको पीटने लगे। डॉक्टरों ने हिंसा पर आमादा होते हुए रिपोर्टरोंं का कैमरा तोड़ दिया और बंधक बनाने के बाद पुलिस को सूचना दे दी। मौक पर पहुंची पुलिस दोनों चैनल रिपोर्टरों को अपने साथ लेकर सुनगढ़ी थाने आई। पीछे-पीछे डाक्टरों का हुजूम भी थाने आ गया और आईएमए की धौंस दिखा कर पुलिस पर दबाव बनाने लगे कि उनकी अभी रिपोर्ट लिखी जाए और पकड़ कर लाए गए दोनों रिपोर्टर जेल भेजिए।
श्रमजीवी पत्रकार यूनियन ने संभाला मोर्चा
उत्तर प्रदेश श्रमजीवी पत्रकार यूनियन को जैसे ही मीडिया कर्मियों पर मुकदमा दर्ज होने की खबर मिली तो तत्काल ही यूनियन के पदाधिकारी मंडल अध्यक्ष निर्मल कांत शुक्ला की अगुवाई में बड़ी संख्या में सुनगढ़ी थाने पहुंच गए और जमकर हंगामा किया। पत्रकारों की ओर से भी फर्जी मुकदमा लिखाने आए चिकित्सकों के विरुद्ध तहरीर दी गई। इसके बाद पत्रकार पुलिस अधीक्षक से जाकर मिले। पुलिस अधीक्षक ने पत्रकारों की बात सुनने के बाद आश्वासन दिया कि किसी भी पत्रकार के साथ कोई ज्यादती नहीं होने दी जाएगी। पत्रकारों ने पुलिस अधीक्षक ने कहा कि घटना की सच्चाई सीसीटीवी कैमरे के फोटो से सामने आ जाएगी। सीसीटीवी कैमरे की रिकॉर्डिंग की गहराई से पड़ताल की जाए और जिन मीडिया कर्मियों को थाने में हिरासत में लिया गया है, उनकी रिहाई कराई जाए। साथ ही पत्रकारों की ओर से दी गई तहरीर पर भी चिकित्सकों पर तत्काल मुकदमा दर्ज किया जाए। श्रमजीवी पत्रकार यूनियन की मांग पर पुलिस अधीक्षक के आदेश पर सुनगढ़ी थाने में पत्रकारों की ओर से भी चिकित्सकों पर लूट का मुकदमा दर्ज कर दिया गया। साथ ही विवेचना में साक्ष्य मिलने तक किसी भी प्रकार की कोई गिरफ्तारी न करने को भी निर्देशित किया गया। जो दो मीडिया कर्मी हिरासत में थे, उनको तत्काल पुलिस अधीक्षक के आदेश पर छोड़ दिया गया। यूनियन की ओर से जिला महामंत्री साकेत सक्सेना, सौरभ दीक्षित, सौरभ पांडे, असित शुक्ला, रितेश बाजपेई, अनुज कुमार सक्सेना, मुकुल शर्मा, धर्मेंद्र सिंह, शिवम पोरवाल , प्रशांत वर्मा, इसरार, हरि ओम, विमलेश, मोहम्मद सादिक, विक्रांत शर्मा, तहसीन खान, जावेद शेख, तारिक नैय्यर आदि पत्रकार थे।
दबाव बनाने को डॉक्टरों ने लिखाये दो मुकदमे
सुनगढ़ी थाने में ओजस्वी डायग्नोस्टिक सेंटर की संचालक डॉ ओजस्वी शर्मा की ओर से चैनल के संवाददाता अवधेश गुप्ता व आकाश पाठक तथा छह अन्य अज्ञात लोगों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 353/147/143/ 504/ 506 व उत्तर प्रदेश चिकित्सा परिचर्या सेवा कर्मी और चिकित्सा परिचर्या सेवा संस्था अधिनियम की धारा 3 ए के तहत मुकदमा दर्ज कराया इसके अलावा गुरु नानक नर्सिंग होम कि संचालक डॉक्टर परमजीत कौर ने बरेली से प्रकाशित जनमोर्चा के संवाददाता महेश शर्मा व कानपुर से प्रकाशित तरुण मित्र के संवाददाता तुषार सक्सेना पर भारतीय दंड संहिता की धारा 452/504/ 353/503 व उत्तर प्रदेश चिकित्सा परिचर्या सेवा कर्मी और चिकित्सा परिचर्या सेवा संस्था अधिनियम की धारा 3 ए के तहत मुकदमा दर्ज कराया।
पत्रकारों ने लिखाया डॉक्टरों पर लूट का मुकदमा
सुनगढ़ी थाने में चैनल रिपोर्टर आकाश पाठक अवधेश कुमार की ओर से तहरीर देकर डॉक्टरों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 342/ 394/ 506 का मुकदमा दर्ज कराया गया, जिसमें कहा गया है कि जब मैं एक शिकायत पर ओजस्वी डायग्नोस्टिक सेंटर पर गए तो डॉक्टरों ने वर्जन देने के बजाय उनको घेर लिया और उनका मोबाइल छीन लिया। नगदी छीन ली और कैमरा तोड़ दिया।