ट्राई (TRAI) यानि भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण भी मानता है कि भारत में टीआरपी (टीवी रेटिंग सिस्टम) के आंकड़े निष्पक्ष नहीं होते. पारदर्शिता की कमी और समुचित प्रतिनिधित्व के अभाव के चलते बार्क (BARC) की रेटिंग सेवा से शेयर होल्डर असंतुष्ट हैं.
ट्राई की सिफारिशों में कहा गया है कि बार्क में आईबीएफ का बहुमत है. इस कारण टीआरपी निष्पक्ष संभव नहीं है. टीआरपी के साथ खेल किया जाता है. वास्तविक आंकड़ों में भी पारदर्शिता नहीं है. इसी के चलते मार्केट में रिलीज डाटा और ओरीजनल डाटा में फर्क होता है.
सैंपल के मुद्द पर ट्राई का कहना है कि कई जगह से कम सैंपल लिए जाते हैं जिससे नतीजे गड़बड़ आते हैं. इससे रिजल्ट गलत शेप ले लेता है. ट्राई के मुताबिक बार्क डाटा हफ्ते भर देरी से आना भी एक सवाल है. ट्राई ने साफ तौर पर कहा है कि टीआरपी डाटा पर बहुत सारे पक्षों की कई चिंताएं हैं.
ट्राई ने इन गड़बड़ियों को दुरुस्त करने के लिए पहल की. टीवी ऑडियंस मीजरमेंट एंड रेटिंग सिस्टम के रिव्यू के लिए सभी स्टेक होल्डर्स से सुझाव मांगे. सभी सुझावों को कंपाइल करने के बाद ट्राई ने इसे अंतिम रूप दिया. इन सिफारिशों को लागू किए जाने के बाद टीआरपी डाटा ज्यादा विश्वसनीय हो सकेगा.