विश्व दीपक-
यूरोप, अमेरिका में शहर खूबसूरत होते हैं. भारत में (अमीरों के) घर. सोचिए कोई इस खूबसूरत शहर पर कैसे बम बरसा सकता है?
इसके लिए पुतिन जैसा क्रूर दिल वाला होना पड़ेगा.
स्विफ्ट (ग्लोबल बैंकिंग सिस्टम) से बाहर किए जाने के बाद पुतिन और बौखला गया है. बदमाशी और क्रूरता के सारे रिकॉर्ड तोड़ रहा है.
कल बातचीत खत्म होने के तुरंत बाद उसने रिहाइशी इलाकों में जबर्दस्त बमबारी की. रॉकेट लॉचर और हैवी आर्टिलियरी उतार चुका है. परमाणु हमले की धमकी दे ही रहा था.
दो दिन के अंदर ही अगर कोई देश परमाणु हमले की धमकी देने लगे तो समझ जाइए कि वो हार की आशंका से बौखलाया हुआ है.
23 साल से रूस की सत्ता पर काबिज, जार पुतिन सिर्फ यूक्रेन का ही नहीं बल्कि रूस की जनता का भी अपराधी है. एक तरफ यूक्रेन पर बमबारी कर रहा है तो दूसरी तरफ रूस की जनता पर कंगाली का, गरीबी का महाबम फेंक रहा है.किसके पैसे से पुतिन अपने साम्राज्यवादी हवस का युद्ध लड़ रहा है?
अब रूसी बैंक कंगाल होने लगे हैं. सोचिए कितने लोगों का पैसा, सेविंग, जिंदगी भर की कमाई डूबेगी. रूसी मुद्रा रूबल से “मूल्य” वैसे ही निकल चुका है जैसे गन्ने से रस. कागज का टुकड़ा भर बन कर रह जाएगी रूस की मुद्रा.
सिर्फ एक दिन में 30% की गिरावट मतलब समझ रहे हैं? कितना बड़ा सदमा है पुतिन के लिए. वो हल्के में ले रहा था प्रतिबंध को. रूस के कई शहरों में एटीएम खाली होने लगे हैं. बैंक बाहर लोगों की कतारें बढ़ती जा रही हैं.पुतिन के विरोध में प्रदर्शन बढ़ते जा रहे हैं.
एक तानाशाह दुनिया के लिए कितना बड़ा खतरा बन सकता है. पुतिन इसका नमूना है.
तानाशाहों की समाप्ति ही दुनिया के लिए बेहतर है. चाहे जिस विचारधारा का हो. चाहे हिंदूवादी हो या फिर पुतिन जैसा क्रिश्चियन ऑर्थोडॉक्स.
पुतिन का पागलपन जिस अनुपात में बढ़ेगा, उसी तेज़ी से उसका अंत नज़दीक आएगा. दुःख की बात यह है कि उसके पापों की सज़ा रूस की जनता को भुगतनी पड़ेगी.