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हिन्दुस्तान मुरादाबाद के चीफ रिपोर्टर संतोष ने दिया इस्तीफा, 32 लाख का केस ठोंका

मुरादाबाद से बड़ी खबर आ रही है कि वार्षिक वेतन वृद्धि ना होने से भड़के हिन्दुस्तान के चीफ रिपोर्टर संतोष सिंह ने संपादक पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए संस्थान से इस्तीफा दे दिया। वे भाजपा से मुरादाबाद-बरेली खंड स्नातक सीट से विधान परिषद सदस्य /प्रोफेसर जयपाल सिंह ‘व्यस्त’ के बेटे हैं। संतोष वर्ष 2009 से हिन्दुस्तान में कार्यरत थे। वे बरेली हिन्दुस्तान में भी कई वर्षों  तक रिपोर्टिंग में रहे। बाद में मुरादाबाद यूनिट में उनका तबादला हो गया। रामपुर के ब्यूरो चीफ भी रह चुके हैं।

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मुरादाबाद से बड़ी खबर आ रही है कि वार्षिक वेतन वृद्धि ना होने से भड़के हिन्दुस्तान के चीफ रिपोर्टर संतोष सिंह ने संपादक पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए संस्थान से इस्तीफा दे दिया। वे भाजपा से मुरादाबाद-बरेली खंड स्नातक सीट से विधान परिषद सदस्य /प्रोफेसर जयपाल सिंह ‘व्यस्त’ के बेटे हैं। संतोष वर्ष 2009 से हिन्दुस्तान में कार्यरत थे। वे बरेली हिन्दुस्तान में भी कई वर्षों  तक रिपोर्टिंग में रहे। बाद में मुरादाबाद यूनिट में उनका तबादला हो गया। रामपुर के ब्यूरो चीफ भी रह चुके हैं।

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इस समय वे मुरादाबाद यूनिट में जनरल डेस्क पर कार्यरत थे। दरअसल इस वर्ष संस्थान ने उनके वेतन में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की, जिसकी वजह उन्होंने संस्थान के बड़े अफसरों को मेल भेजकर जाननी चाही। बड़े अफसरों ने संपादक सूर्य कांत द्विवेदी की उनके कार्य को लेकर खराब रिपोर्ट होना बताया। इस पर संतोष सिंह ने अफसरों को मेल भेजकर तर्क किया कि अगर संपादक सूर्य कांत द्विवेदी की रिपोर्ट सही है तो इससे पूर्व के संपादक केके उपाध्याय व आशीष व्यास ने अप्रेजल के दौरान जो उनके अच्छे कार्य की रिपोर्ट दी, वो भी गलत होगी। यदि उन दो संपादकों की रिपोर्ट सही है तो संपादक सूर्य कांत की रिपोर्ट गलत मानी जायेगी।

प्रबंधन ने इस मामले में कोई निर्णय नहीं लिया। प्रबंधन के रवैये से नाराज होकर संतोष सिंह ने संस्थान से इस्तीफा दे दिया। साथ ही संतोष ने प्रबंधन को सबक सिखाने की ठान ली। उन्होंने मजीठिया वेज बोर्ड के तहत वेतन-भत्तों व एरियर का 32 लाख का क्लेम बनवाकर उपश्रमायुक्त मुरादाबाद के समक्ष हिन्दुस्तान पर केस कर दिया है। सूत्र बताते हैं कि सूर्यकांत जब मेरठ में संपादक थे, तब भी वह विवादों से घिरे रहे थे। मेरठ में भी कई कर्मचारियों की पक्षपातपूर्ण तरीके से जीरो रेटिंग कर वेतन वृद्धि रोक दी थी, तब एक कर्मचारी ने खुदकुशी का प्रयास किया था। मामला काफी सुर्खियों में रहा था। सूर्यकांत को ग्रुप एडिटर शशिशेखर का खास सिपहसालार माना जाता है।

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