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उत्तर प्रदेश

राज्य मुख्यालय मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति के चुनाव के लिए आंदोलन करेंगे पत्रकार

लखनऊ। यूपी पत्रकारों के बीच लगातार असमंजस की स्थित बनी हुई है। मामला उत्तर प्रदेश राज्य मुख्यालय मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति के खत्म हो चुके कार्यकाल और नये चुनाव कराये जाने की मांग को लेकर है। मेरे कई साथियों ने इस मासले पर अब खुलकर विरोध दर्ज कराना शुरू कर दिया है। विरोध का कारण है पिछले चुनाव में चुनी हुई कमेटी द्वारा बिना बताये कमेटी के कार्यकाल को एक साल के लिये मनमाने ढंग से बिना जीवीएम की बैठक बुलाये बढ़ा लेना।

<p>लखनऊ। यूपी पत्रकारों के बीच लगातार असमंजस की स्थित बनी हुई है। मामला उत्तर प्रदेश राज्य मुख्यालय मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति के खत्म हो चुके कार्यकाल और नये चुनाव कराये जाने की मांग को लेकर है। मेरे कई साथियों ने इस मासले पर अब खुलकर विरोध दर्ज कराना शुरू कर दिया है। विरोध का कारण है पिछले चुनाव में चुनी हुई कमेटी द्वारा बिना बताये कमेटी के कार्यकाल को एक साल के लिये मनमाने ढंग से बिना जीवीएम की बैठक बुलाये बढ़ा लेना।</p>

लखनऊ। यूपी पत्रकारों के बीच लगातार असमंजस की स्थित बनी हुई है। मामला उत्तर प्रदेश राज्य मुख्यालय मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति के खत्म हो चुके कार्यकाल और नये चुनाव कराये जाने की मांग को लेकर है। मेरे कई साथियों ने इस मासले पर अब खुलकर विरोध दर्ज कराना शुरू कर दिया है। विरोध का कारण है पिछले चुनाव में चुनी हुई कमेटी द्वारा बिना बताये कमेटी के कार्यकाल को एक साल के लिये मनमाने ढंग से बिना जीवीएम की बैठक बुलाये बढ़ा लेना।

उत्तर प्रदेश राज्य मुख्यालय मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति का कार्यकाल विगत कई दशकों से दो साल के लिये होता चला आया है। 2012-2014 का कार्यकाल के लिये जब चुनाव कराये गये थे तब भी कार्यकाल दो साल का था। जुलाई 2012 में चुनाव कराये गये थे। जो समिति निर्वाचित हुई थी उसके अध्यक्ष माननीय हेमंत तिवारी चुने गये थे। जुलाई 2014 में चुनी हुई समिति का कार्यकाल समाप्त हो चुका है। अगस्त में इस समिति के नये चुनाव सम्पन्न हो जाने चाहिये थे। लेकिन हेमंत तिवारी की चुनी हुई समिति ने गुपचुप ढंग से बिना जीवीएम की बैठक बुलाये समिति का कार्यकाल तीन साल का कर लिया है जो पूरी तरह से असंवैधानिक है।

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उनके इस कृत्य से पत्रकार साथियों में काफी गुस्सा है। मैने समिति के इस कृत्य का जब जुलाई में विरोध दर्ज किया और नये चुनाव कराने की बात रखी तो कुछ लोगों ने मेरी बात को दबाने का प्रयास किया गया और कहा जाने लगा कि समिति का कार्यकाल तीन साल का कर दिया गया है। मैं आलोचना से नहीं डरता। मेरे अधिकतर साथियों ने मेरी बात को सही ठहराया और मेरा समर्थन किया। लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकल सका है। गैरकानूनी तरह से बढ़ाये गये एक साल के कार्यकाल को लेकर तमाम साथियों में भारी गुस्सा पनप चुका है। मेरा अपने सभी यूपी के मान्यता प्राप्त सथियों से एक विनम्र निवेदन है कि मैं जिस संवैधानिक बात को आपके बीच रख रहा हूं या फिर मांग कर रहा हूं क्या यह बात और मेरी मांग अनुचित है कि गुपचुप तरह से बढ़ाया गया कार्यकाल असंवैधानिक है।
 
अगर हेमंत तिवारी की समिति ने जीवीएम की बैठक बुलाकर उन 495 पत्रकारों की सहमति से समिति का कार्यकाल एक साल का बढ़ाया होता तो हम उसे संवैधानिक कृत्य मानते। और चुनाव की मांग नहीं करते। मेरे प्रिय साथियों अगर मेरी बात सहीं है तो मै अपने इस आदोंलन में आप सभी से अपील करता हूं कि हम सभी लगभग 495 पत्रकार एकजुट होकर मेरी इस मांग के साथ आगे आकर क्यों न हम एक बैठक 15 सितम्बर 2014 के आसपास बुलाकर समिति के इस असंवैधानिक कृत्य को गलत करार देते हुये अपनी एक नई समिति चुनने के लिये चुनाव के कार्यक्रम की रूपरेखा तय कर लें।
 
मै अपने सभी साथियों से इस ईमेल के माध्यम से उनकी सहमति प्राप्त करना चाहता हूं कि अगर समिति के अन्दर उपजे इस विवाद को मिलजुलकर जीवीएम की बैठक बुलाकर तत्काल निपटा लिया जाये तो उत्तर प्रदेश राज्य मुख्यालय मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति का संवेधानिक स्वरूप बरकरार रहेगा और अपने उन तमाम 495 से अधिक मान्यता प्राप्त संवाददाताओं का समिति पर भरोसा और विश्वास कायम करने में हम सभी सफल रहेगें जो किसी भी समिति के स्वरूप के लिये एक सुखद नियम को पालन करने वाला स्वरूप माना जायेगा।
 
मै इस अपील के माध्यम से खुद समिति के अध्यक्ष हेमंत तिवारी से विनम्रता पूर्वक यह आग्रह करूंगा कि वह खुद पारदर्शिता कायम रखते हुये तत्काल जीवीएम की बैठक बुलाने का एलान करके खत्म हो चुके कार्यकाल को संवैधानिक रूप से मोहर लगवाने का काम करें। जो यूपी के तमाम उन पत्रकारों की आम राय से किया जा सके जो समिति में सीनियर व जूनियर पत्रकार है जिनके नियम कानून से अब तक समिति अपने स्वरूप को एक ताकतवर समिति के रूप में बनाये रखने में कामयाब रहीं है।
 
मेरी इस अपील के बाद भी अगर एक सप्ताह के अंदर मेरी मांग को नहीं माना गया तो मै खुलकर संवैधानिक रूप को बनाये रखते हुये 15 सितम्बर के आसपास अपने भाईयों से एक तारीख तय करके एक आपात बैठक बुलाकर जीवीएम बुलाने की तिथि का एलान कर देगें जिससे हम सभी भाईयों की एक राय के बाद गैर कानूनी ढंग से बढ़ाये गये कार्यकाल को असंवैधानिक करार देते हुये नये चुनाव कराने की तिथि का एलान किया जा सके।

15 सितम्बर के बाद यूपी के मुख्यमंत्री/प्रमुख सचिव सूचना को भी इस आशय का पत्र सभी साथियों के हस्ताक्षर को कराकर दे दिया जायेगा कि वर्तमान समिति का कार्यकाल जुलाई 2014 को समाप्त हो चुका है। और निर्वतमान हेमंत तिवारी वाली समिति पूरी तरह से असंवैधानिक है इसके किसी भी लिये गये निर्णय पर रोक लगाई जा सके। और नई समिति चुनी जाने तक पुरानी समिति का कोई निर्णय न माना जाये। ंमै अपना यह पत्र अपने सभी साथियों को ईमेल से भेज रहा हॅू कि आप सभी मेरी इस राय को एकमत से स्वीकार अवष्य करेगें। अगर आप मेरी राय से सहमत है तो इस पर 15 सितम्बर के पहले किसी भी दिन नई रूपरेखा पर एनेक्सी के मीडिया सेंटर में हम सभी शाम को बैठ कर रूबरू होकर इस गंभीर होते मसले को हल करने का प्रयास अवश्य करेगें।

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प्रभात त्रिपाठी
ब्यूरो प्रमुख‘समाजवाद का उदय’’
राज्य मुख्यालय मान्यता प्राप्त,
लखनऊ, यूपी
मो0 9450410050

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