Yashwant Singh : आइए उनकी आवाज बनें, जिन्हें इस सिस्टम ने बेजुबान मानकर हाशिए पर धकेल दिया है…. ग्रेटर नोएडा में गरीबी में गुजर-बसर करने वाले एक दंपति संजय-रेखा का पंद्रह वर्षीय पुत्र पिछले साल सितंबर माह में लापता हो गया. हैबतपुर के चक सबेरी में रहने वाले ये पति-पत्नी मजदूरी-झाड़ू-पोंछा के जरिए जीवन यापन करते हैं.
बेटे के अचानक गायब होने के बाद इन दोनों ने पुलिस-प्रशासन से गुहार लगाई पर आज के जमाने में गरीब की सुनता कौन है. पटना के मूल निवासी इस गरीब दंपति के गायब बेटे का नाम अमित है. यह सातवीं का छात्र है. इस दंपति ने एक शख्स पर बेटे को गायब किए जाने का शक भी जाहिर किया है. लेकिन पुलिस ने कोई तफ्तीश शुरू नहीं की.
मां रेखा हर वक्त अपने बेटे की तस्वीर अपने पास रखती है. वह हर किसी मिलने-जुलने, आने-जाने वाले को बेटे के लापता होने की दास्तान सुनाती है. उसे एक भरोसा सा है कि जरूर कोई न कोई उसके बेटे को खोजकर उस तक पहुंचा देगा. वह अपने बेटे के उम्र के बच्चों को देखती है तो सुबकते हुए कहने लगती है- ”मेरा बेटा भी ऐसा ही था”.
उम्मीद करते हैं यूपी पुलिस के कुछ संवेदनशील अधिकारी इस मामले पर ध्यान देंगे और इसे अंजाम तक पहुंचाएंगे. सोच सकते हैं, पंद्रह साल का बेटा अचानक गायब हो जाए, कई महीने से, तो उसके मां-पिता पर क्या गुजरती होगी. पीड़ित पिता संजय का मोबाइल नंबर 9540566490 है. यह प्रकरण ग्रेटर नोएडा के बिसरख पुलिस स्टेशन के अधीन आता है.
कृपया लखनऊ, नोएडा और ग्रेटर नोएडा के पत्रकार साथी, नेता गण, पुलिस अफसर इस पीड़ित मां के आसुओं के दर्द को समझते हुए इस पोस्ट पर ध्यान दें और यथाशीघ्र एफआईआर करा कर केस खुलवाएं.
तस्वीर में मां रेखा अपने बेटे की तस्वीर के साथ. बेटे की वही तस्वीर फुलसाइज में बगल में है
ट्विटर पर ज्यादा तेज रिस्पांस आता है… गरीब मां का बेटा खोने के प्रकरण में यूपी पुलिस हेड क्वार्टर ने नोएडा पुलिस से इस मामले में कृत कार्रवाई बताने को कहा है…देखें स्क्रीनशाट…
कृपया आप ट्विटर पर हों तो मुझ @yashbhadas को फालो करने के बाद इस ट्वीट को रिट्वीट कर आवाज आगे बढ़ाने का काम करें…
आइए उनकी आवाज बनें, जिन्हें इस सिस्टम ने बेजुबान मानकर हाशिए पर धकेल दिया है….
भड़ास के एडिटर यशवंत की एफबी वॉल से.