कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय रायपुर के जनसंचार विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ शाहिद अली की बर्खास्तगी के आदेश को हाईकोर्ट ने निरस्त कर उन्हें समस्त लंबित देयकों के भुगतान के साथ सेवा में बहाल करने का आदेश पारित किया है। प्रो. अली को कुलपति द्वारा समस्त शिक्षकों की नियुक्ति के जांच हेतु गठित तीन सदस्यीय कमेटी के तथाकथित जांच रिपोर्ट के आधार पर जून माह में बर्खास्त करने का एक तरफा निर्णय लिया था।
गौरतलब है कि प्रो. अली ने कोर्ट में आरोप लगाया था कि उन्होंने कुलपति बलदेव भाई शर्मा के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी कि उन्हें अयोग्यता के बावजूद इस पद पर पूर्ववर्ती सरकार में नियुक्त किया गया है, इसी वजह से उन पर एकपक्षीय कार्रवाई की गई। बर्खास्तगी की कार्रवाई एकतरफा है, उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका भी नहीं दिया गया था। इस याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने बर्खास्तगी के आदेश को रद्द कर दिया है।
हाई कोर्ट द्वारा कल जारी किये गए आदेश के बाद प्रो. शाहिद अली ने आज ही कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय, रायपुर में अपनी उपस्थिति दे दी है। बताया जाता है कि कांग्रेस सरकार में प्रतिनियुक्ति पर बैठे कुलसचिव चंद्रशेखर ओझा, असिस्टेंट प्रोफेसर के द्वारा कतिपय दबाव में आकर बर्खास्तगी का आदेश जारी किया गया था। कार्यपरिषद में सुक्ष्म जांच समिति की पूरी रिपोर्ट को रखा नहीं गया और अन्य सदस्यों को प्रसारित भी नहीं किया गया। इस पूरी रिपोर्ट के आने पर कई शिक्षकों पर गाज गिर सकती है