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उत्तर प्रदेश

अब शिवपाल पड़े अखिलेश पर भारी, कइयों को पार्टी से खदेड़ा

अजय कुमार, लखनऊ

समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव के तेवर लगातार तीखे होते जा रहे हैं। ‘शिव’ के तांडव ने पार्टी के भीतर और बाहर खलबली मचा दी है। रविवार को एमएलसी और प्रो. रामगोपाल यादव के भांजे आरविंद यादव को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया, तो दूसरे ही दिन एक ही झटके में सपा से उन सात नेताओं को निष्कासित कर दिया गया, जिन पर किसी न किसी बड़े नेता का हाथ था। इतने बढ़े स्तर पर निष्कासन की कार्रवाई करके शिवपाल ने जता दिया है कि वह अपनी मर्जी के मालिक हैं।

<p>अजय कुमार, लखनऊ</p> <p>समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव के तेवर लगातार तीखे होते जा रहे हैं। ‘शिव’ के तांडव ने पार्टी के भीतर और बाहर खलबली मचा दी है। रविवार को एमएलसी और प्रो. रामगोपाल यादव के भांजे आरविंद यादव को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया, तो दूसरे ही दिन एक ही झटके में सपा से उन सात नेताओं को निष्कासित कर दिया गया, जिन पर किसी न किसी बड़े नेता का हाथ था। इतने बढ़े स्तर पर निष्कासन की कार्रवाई करके शिवपाल ने जता दिया है कि वह अपनी मर्जी के मालिक हैं।</p>

अजय कुमार, लखनऊ

समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव के तेवर लगातार तीखे होते जा रहे हैं। ‘शिव’ के तांडव ने पार्टी के भीतर और बाहर खलबली मचा दी है। रविवार को एमएलसी और प्रो. रामगोपाल यादव के भांजे आरविंद यादव को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया, तो दूसरे ही दिन एक ही झटके में सपा से उन सात नेताओं को निष्कासित कर दिया गया, जिन पर किसी न किसी बड़े नेता का हाथ था। इतने बढ़े स्तर पर निष्कासन की कार्रवाई करके शिवपाल ने जता दिया है कि वह अपनी मर्जी के मालिक हैं।

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जिस तरह के तेवर शिवपाल अख्तियार किये हुए हैं उससे तो यही लगता है कि  उन्होंने पार्टी के भीतर ‘साफ-सफाई’ का पूरा मन बना लिया है। चाहें अखिलेश के करीबी हों या फिर प्रो. रामगोपाल खेमे के नेता। दोंनो को बाहर का रास्ता दिखाते समय शिवपाल ने मुलायम के कंधे पर बंदूक रखकर चलाई। यही वजह थी शिवपाल ने सभी नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाते समय अपने बयान में यह भी जोड़ दिया कि जिन नेताओें के विरूद्ध अनुशासनहीनता की कार्रवाई की गई है,वह सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के भी दोषी हैं।

शिवपाल यादव ने जिन नेताओं पर कार्रवाई की उसमें विधान परिषद सदस्य सुनील सिंह यादव, आनंद भदौरिया और संजय लाठर जैसे नेता शामिल हैं। इसके अलावा यूथ बिग्रेड के राष्ट्रीय और प्रदेश अध्यक्ष क्रमशः गौरव दुबे और मो. एबाद युवजन सभा के प्रदेश अध्यक्ष बृजेश यादव, छात्र सभा के प्रदेश अध्यक्ष दिग्विजय सिंह को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। निलंबित नेताओं में से कई अखिलेश यादव के काफी करीबी हैं।

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शिवपाल की इस तरह की कार्रवाई से तो यही लगता है कि उन्हें इस बात की जरा भी चिंता नहीं है कि उनके इस तरह के कदमों से पार्टी और परिवार में हालात बिगड़ सकते हैं। खासकर जिस तरह से सपा में 24 वर्षो से प्रवक्ता की जिम्मेदारी निभाने वाले राजेन्द्र चौधरी को किनारे किया गया है, वह अपने आप में काफी चौंकाने वाली खबर रही। राजेन्द्र चौधरी भी अखिलेश के काफी करीबी नेताओ में से एक थे।

लेखक अजय कुमार लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार हैं. उनसे संपर्क [email protected] के जरिए किया जा सकता है.

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