कानपुर के ऐतिहासिक एवं क्रान्ति के प्रतीक गंगामेला में आज अजब नजारा देखने को मिला. गंगामेला में काले कपड़ों में शहर के युवक और युवतियों का एक समूह लोगों के जूता पालिश करते देखा गया. वो भी नि:शुल्क.
“अपने जूते पॉलिश करवाइयें ताकि कानपुर में विद्यार्थी के प्रताप की चमक बची रहे.” जैसे बैनरों के साथ युवक-युवतियों ने प्रताप प्रेस बिल्डिंग के पुनरुत्थान में आम जनता से सहयोग की मांग की.
जूता पालिश अभियान के बारे में पूछे जाने पर सहित्यकार मृदुल कपिल ने कहा कि “जिस स्थल से सन 1913 से गणेश शंकर विद्यार्थी जी के सम्पादन में आरंभ हुआ सत्य और क्रान्ति का प्रतीक “प्रताप आखबार” निकला, जिसने अंग्रेजी सत्ता को खुली चुनौती दी. जिस ईमारत ने भगत सिंह से लेकर चंद्रशेखर आजाद तक को शरण दी एवं जो ईमारत स्वतंत्रता संग्राम में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रखती है.. अफ़सोसनाक है की वो ऐतिहासिक प्रताप प्रेस इमारत जर्जर होकर गिरने की कगार पर है. इसी लिए हम यहाँ किसी का विरोध या समर्थन नहीं कर रहे हैं. बस हम आम लोगों को अपने इस अभियान से जोड़ते हुए ये बताना चाहते है कि कानपुर बहुत कुछ खो चुका है इस लिए अब अपनी इन चंद शेष निशानियों को सहेजा जाना आवश्यक है.”
यंहा उपस्थित पत्रकार अतुल तिवारी ‘आक्रोश’ ने बताया कि “इस अभियान के जरिये हमारा प्रयास है कि हम न सिर्फ प्रशासन और पत्रकारों तक इस बात को पहुंचा सकें बल्कि अपनी वर्तमान और आने वाली पीढ़ी को भी गणेश शंकर विद्यार्थी और प्रताप से परिचित करवा सकें, साथ ही प्रताप प्रेस बिल्डिंग के साथ-साथ विद्यार्थी जी के शहीद स्थल चौबेगोला को भी संरक्षित कर सकें.
कार्यक्रम में उपस्थित वरिष्ठ रंगकर्मी नीरज हेस्टिंग ने कहा कि “बड़ा दुःख होता है जब आज की पीढ़ी के दस में सात लोग न विद्यार्थी जी से परिचित हैं और न ही प्रताप अखबार से. इसी की जागरूकता हेतु हम ये जूता पालिश अभियान चला रहे है.”
अभियान में शामिल वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप द्विवेदी ने बताया कि “प्रताप प्रेस बिल्डिंग के जीर्णोद्धार एवं गणेश शंकर विद्यार्थी के स्मारक के लिए जूता पालिश अभियान आगे भी अनवरत चलता रहेगा, ताकि हम प्रताप को पुनर्जीवित कर सकें.”
इस अवसर पर रंजना यादव, बिन्दू सिंह, प्रियंका मृदुल कपिल, पंकज दूबे, दीप चन्द्र, गगन बाजपेयी, आकाश सक्सेना, सुबोध पांडेय, प्रसून तिवारी, सलिल मिश्रा, मोहन, राहुल राजपूत अमितेश अग्निहोत्री श्रीकर शुक्ला आदि मुख्य रूप से मौजूद रहे.