Connect with us

Hi, what are you looking for?

वेब-सिनेमा

चौंकाता है सोशल मीडिया में सामुदायिक राजनीति पर रुझानों का यह ताजा निष्कर्ष

मास कम्यूनिकेशन के कुछ छात्रों ने सोशल मीडिया में सामुदायिक आधार पर राजनीतिक रुझानों पर एक अध्ययन में निम्न निष्कर्ष निकाले हैं । ये ताज़े निष्कर्ष हैं मार्च /अप्रैल 2015 के । सोशल मीडिया सर्वे ग्रुप के रिसर्च पर आधारित ये निष्कर्ष इस प्रकार हैं- 

मास कम्यूनिकेशन के कुछ छात्रों ने सोशल मीडिया में सामुदायिक आधार पर राजनीतिक रुझानों पर एक अध्ययन में निम्न निष्कर्ष निकाले हैं । ये ताज़े निष्कर्ष हैं मार्च /अप्रैल 2015 के । सोशल मीडिया सर्वे ग्रुप के रिसर्च पर आधारित ये निष्कर्ष इस प्रकार हैं- 

नरेंद्र मोदी अब भी ब्राह्मण समाज में सबसे लोकप्रिय राजनीतिक हस्ती हैं। लगभग 60% के आसपास ब्राह्मण सोशल मीडिया में मोदी के पक्ष में टिप्पणी करते हैं। क़रीब सत्रह प्रतिशत के क़रीब केजरीवाल दूसरे नंबर पर हैं। राहुल गांधी क़रीब पन्द्रह प्रतिशत के क़रीब हैं।

Advertisement. Scroll to continue reading.

राजपूत समुदाय में यह समर्थन बहुत बँटा हुआ है पर मोदी यहाँ भी सबसे आगे हैं। क़रीब 35% राजपूत मोदी के समर्थक हैं। बीस प्रतिशत केजरीवाल के और राहुल मुलायम सिंह यादव और वामपंथी दलों में क्रमश: 15, 8 और 4 प्रतिशत। राजपूतों में लालू यादव, मायावती आदि के पक्ष में भी छिटपुट समर्थन है।

सबसे चौंकाने वाली स्थिति वणिक समाज की पाई गई है । बीजेपी के सबसे बड़े समर्थक वर्ग रहे इस समाज में केजरीवाल को 28% समर्थन प्राप्त है, जो मोदी के इसी वर्ग के 36% के बहुत क़रीब है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

मुस्लिम समाज में केजरीवाल की स्थिति बहुत मज़बूत है। क़रीब 55 प्रतिशत। 25% राहुल के पक्ष में और सिर्फ 5% मोदी के पक्ष में पाए गए। दलित समाज में मायावती पचास फ़ीसद के साथ सबसे बहुत आगे हैं । मोदी 18% के साथ दूसरे और केजरीवाल 14% के साथ तीसरे स्थान पर हैं।

ओबीसी समुदाय में बहुत सारा विभाजन है। यादवों में मुलायम सिंह सबसे आगे हैं 40 प्रतिशत। मोदी, योगेन्द्र यादव, राहुल, केजरीवाल और अन्य सभी में से कोई दस प्रतिशत तक भी नहीं पहुँचा है। ग़ैर यादव ओबीसी में नीतीश कुमार सबसे आगे हैं क़रीब 22 प्रतिशत। इस वर्ग में मोदी 15%  और केजरीवाल 8% हैं। इनमें सबसे ज़्यादा नये-नये कम सुने गये धड़े हैं जिनके नेताओं के नाम आमफहम नहीं हैं। (सोशल मीडिया सर्वे ग्रुप के रिसर्च पर आधारित)

Advertisement. Scroll to continue reading.

वरिष्ठ पत्रकार और उद्यमी शीतल पी सिंह के फेसबुक वॉल से

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement