पत्रकार विनीत नारायण के खिलाफ आठ पेज की चिट्ठी सीएम योगी को भेजने वाले सुब्रमण्यम स्वामी के खिलाफ विनीत नारायण ने मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने और उनकी टीम के लोगों ने ह्वाट्सअप पर अपने परिचितों को एक जवाबी मैसेज भेजा है जिसमें सुब्रमण्यम स्वामी की जमकर खबर ली गई है. पढ़िए विनीत नारायण ने क्या कुछ लिखा है….
असली नटवरलाल कौन?
डॉ सुब्रमनियन स्वामी पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह के मार्ग का अनुसरण कर रहे हैं। वे प्रधानमंत्री मोदी जी के दो दशकों से विश्वासपात्र रहे गुजरात के अधिकारियों को ‘गैंग ऑफ फ़ॉर’ बताकर उनपर लगातार खुला हमला कर रहे हैं। वे ब्रज फॉउंडेशन के विनीत नारायण और राजनीश कपूर को भी ट्विटर पर लिखकर इसी गैंग का सहयोगी बता रहे हैं।
इस तरह वो प्रधानमंत्री को ब्लैकमेल करके वित्त मंत्री बनना चाहते हैं। जो इच्छा वो खुद ही हाल में ट्विटर पर जग जाहिर कर चुके हैं। वित्तमंत्री बनकर वो वी पी सिंह की ही तरह तख्ता पलटकर प्रधानमंत्री बनने की गुप्त साजिश रचे बैठे हैं। । डॉ स्वामी का दावा है कि उन्हें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी, गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह जी, कुछ अन्य मंत्रियों व संघ के कुछ वरिष्ठ पदाधिकारियों का गुप्त समर्थन प्राप्त है। क्या इसीलए गृहमंत्री जी ने उन्हें ‘Z’ सुरक्षा दे रखी है ? जबकि न तो डॉ स्वामी को किसी से खतरा है और न वे केंद्र में मंत्री हैं ?
जब से कालचक्र के प्रबंधकीय संपादक व ब्रज फॉउंडेशन के सचिव रजनीश कपूर ने प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी राजेश्वर सिंह के खिलाफ जांच का रास्ता सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर करके खुलवाया है तब से डॉ स्वामी क्यों इतना बौखला गए हैं ? एक विवादास्पद छोटे से अधिकारी पर आरोपित अकूत दौलत के खिलाफ जांच से इतनी घबराहट क्यों है ? जबकि डॉ स्वामी के झूठे आरोपों पर भी ब्रज फॉउंडेशन ने सीबीआई जांच का स्वागत किया और वो सभी संबंधित दस्तावेज सीबीआई को सौपने जा रही है।
डॉ स्वामी श्री नारायण को नटवरलाल बताकर नटवर नागर के ब्रज में विनीत नारायण पर करोड़ों की जमीने कब्जाने का आरोप लगा रहे हैं। अगर वो सिद्ध कर दें कि श्री नारायण के पास वृन्दावन में अपने पैतृक मकान के अलावा, अपने या ब्रज फॉउंडेशन के नाम पूरे ब्रज में एक इंच जमीन भी राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज है तो श्री नारायण कड़ी से कड़ी सजा पाने को तैयार हैं और अगर नहीं सिद्ध कर पाए तो डॉ स्वामी अपनी सज़ा तय कर लें।
इन झूठे आरोपों की जड़ में नागेंद्र प्रताप और शैलजा कांत मिश्र है। जो पिछले डेढ वर्ष से अपनी सारी ऊर्जा ब्रज फॉउंडेशन के ‘अंगद का पॉंव ‘ को हिलाने में लगा रहे है। इतनी गाड़िया दौड़ाकर ब्रज में आजतक एक भी काम सकारात्मक नहीं कर पाए। पर बिहारी जी दूध का दूध और पानी का पानी साफ कर देंगे। योगी जी को भी जल्दी समझ आ जायेगा कि ब्रज सेवा के लिए उन्होंने किन ‘रत्नों को चुनकर भेजा ‘और उन्होंने क्या रायता फैलाया।
वैसे बार बार दल बदलने वाले और अटल जी को धोखा देने वाले स्वामी जी स्वयं को भ्र्ष्टाचार के खिलाफ योद्धा बताते हैं। तो फिर वे अपनी जनहित याचिकाओं को शुरू में दरोगा की तरह खूब शोर मचाने के बाद धीरे धीरे आरोपियों के पक्ष में हल्की क्यों करते जाते हैं? उनसे पूछियेगा की दाऊद के पैसे लगे होने के शक के घेरे में रही जेट एयरवेज़ और एतिहाद एयवेज़ की विवादस्पद डील के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में डॉ स्वामी ने अपनी जनहित याचिका को जेट के मालिक नरेश गोयल से कितने सौ करोड़ रूपये वसूलकर बार बार स्वतः ही कमज़ोर कर लिया? जिससे गोयल भी विजय माल्या की तरह बच निकले। वैसे ये भी रोचक तय है कि वही भगोड़े अपराधी घोटालेबाज विजय माल्या व डॉ स्वामी दो ही जन इनकी पार्टी जनता दल से सांसद थे। मौसेरे भाइयों की कान्हा ने खूब मिलाई जोड़ी?
जबकि 22 वर्ष पहले नरसिंह राव की सरकार गिरने वाले हवाला कांड उजागर कर भ्र्ष्टाचार की जड़ पर कड़ा प्रहार करने वाले श्री नारायण जो भी मुद्दा राष्ट्रीय स्तर पर उठाते हैं उसे हमेशा अंजाम तक ले जाकर ही दम लेते हैं। चाहे उन पर कितनी ही धमकी, लालच या दबाव क्यों न आएं? तो असली नटवरलाल कौन हुआ आप ही फैसला कर लें?
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