सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय की जमानत मंजूर करते हुए शर्त लगा दी कि रिहाई के लिए उन्हें 5 हजार करोड़ रुपए की बैंक गारंटी और 5 हजार करोड़ कैश जमा करने होंगे। रिहाई के 18 महीनों के भीतर 9 किश्तों में 36000 करोड़ रुपए अदा करने होंगे। यही नहीं, रिहाई के बाद सुब्रत रॉय को हर 15 दिन में दिल्ली के तिलक मार्ग थाने में हाजिरी लगानी होगी। लेकिन कोर्ट के इस फैसले के बावजूद रॉय जेल में ही रहेंगे, क्योंकि सुब्रत रॉय बैंक गारंटी का इंतजाम नहीं कर पाए हैं।
गौरतलब है कि सहारा समूह के चेयरमैन सुब्रत रॉय के साथ उनके 2 बड़े अधिकारी तिहाड़ जेल में मार्च, 2014 से बंद हैं। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने बेल फंड के लिए शर्तें रखी हैं। समूह अपनी संपत्तियां बेचकर बेल फंड जुटाने की कोशिशों में लगा हुआ है। दूसरी ओर, सहारा के निवेशकों को पैसे लौटाने के लिए सेबी ने नए सिरे से मुहिम चलाई है। सहारा के दो कंपनियों के बॉन्डधारकों से निवेश के सबूत के साथ अपना दावा पेश करने को कहा गया है। पहले भी सेबी दो बार सहारा के निवेशकों को पैसे लौटाने की प्रक्रिया अपना चुका है।
शुक्रवार को सहारा मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सहारा को जमानत के लिए अपनी संपत्तियों को बेचने की मंजूरी दी है। कोर्ट ने उन्हें फंड जुटाने के लिए 8 हफ्ते तक जेल के आउटहाउस में टेलीफोन और इंटरनेट जैसी सुविधाओं का इस्तेमाल करने की इजाजत दी है।
कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर सुब्रत रॉय शर्तों के मुताबिक तीन किश्तें नहीं जमा करते हैं तो उन्हें जेल जाना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को इजाजत दे दी कि अगर सहारा की ओर से दो किश्तें नहीं जमा होती हैं तो वह बैंक गारंटी को कैश करा ले।
सुब्रत रॉय के वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में जानकारी दी कि 5 हजार करोड़ रुपए की बैंक गारंटी देने में दिक्कत पेश आ रही है, क्योंकि एक वित्तीय संस्थान इससे पीछे हट गया है। सिब्बल की दलील सुनने के बाद जस्टिस टीएस ठाकुर, एआर दवे और एके सीकरी की बेंच ने कहा कि जब सहारा ने यह आश्वासन दिया था कि उसके पास बैंक गारंटी तैयार है, तब ही जमानत के लिए बैंक गारंटी जमा कराने की शर्त रखी गई थी। बेंच ने कहा कि बैंक गारंटी जमा कराने के आश्वासन के कारण फैसला पहले ही तैयार कर लिया गया था और अब इसमें सहारा द्वारा बैंक गारंटी जमा कराने तक कुछ नहीं किया जाएगा।
POLASH MAZUMDAR
June 20, 2015 at 4:25 pm
AS PER SAHARA THEY ALREADY PAID 95 % DEPOSITORS WHO COMES UNDER THEIR REAL ESTATE AND HOUSING COMPANIES AND SUBMITTED THE DOCUMENTS TO SEBI THEN WHY NOT CHECKING PROCESS ARE IMPLEMENTED BY SEBI WHETHER THE DOCUMENTS ARE TRUE OR FALSE AND OTHER SIDE HON’BLE SC NOT ASKING ANY QUESTION TO SEBI THAT WHY NOT THEY ARE CHECKING THE SAHARA’S PAYMENT DOCUMENTS