दिल्ली की कंपनी सन एंड सैंड कर रही है कर्मचारियों से भारी ठगी… क्या आप भी विदेश जाकर धन कमाने की बात सोच रहे हैं? ऐसा है तो कम से कम उन कम्पनियों से सावधान हो जाइये जो दिल्ली में स्थापित हैं। ऐसी ही एक कम्पनी है सन एंड सैंड, जो कर्मचारियों को लालच दिखाकर हायर करती है। उन्हें विदेश भेजती है लेकिन लौटते समय आप को खाली हाथ ही वापस कर देती है।
सन एंड सैंड ने विदेशों में कई जगह कारोबार स्थापित कर रखे हैं। दक्षिण अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका के कई देश इनमें शामिल हैं। इन्हीं एक देश है दक्षिण अमेरिका का कुछ में एक देश है दक्षिण अमेरिका का गुआना, जहां उसका माइन्स और खनन का कारोबार है। कहा जाता है कि इनमें कुछ सोने की खदानें भी हैं। पता नहीं इनमें सोना निकलता है या कुछ और।
कम्पनी स्वयं कर्मचारियों से उनका पासपोर्ट लेती है, वीजा तैयार कराती है और अपने खर्च से ही उन्हें जार्जटाउन भेजती हैं। इसके बाद उन्हें दुर्गम जंगल में साइट पर भेजा जाता है। साइट पर लकड़ी के हट बने हुए हैं जहां इन्हें ठहराया जाता है। उनके भोजन व्यवस्था की सारी सामग्री कम्पनी मुहैया कराती है। यह रसद जार्ज टाउन से जाती है। अगर समय पर रसद सामग्री न पहुंची तो कर्मचारी भूखे रहने और नालों का विषाक्त पानी विवश होते हैं।
कर्मचारी जब वेतन की बात करते हैं तो उनसे कहा जाता है कि कम्पनी अभी घाटे में है। फंड का इंतजाम नहीं हो सकता है। फंड आते ही आपका वेतन आपके खाते में पहुंचा दिया जायेगा। कम्पनी के रहमोकरम पर वहां टिके कर्मचारी कुछ भी कर सकने में लाचार होते हैं। सेवा शर्तों के मुताबिक अगर वे भारत लौटना चाहते हैं तो उनका हवाई जहाज से टिकट करा दिया जाता है। वेतन के नाम पर कहा जाता है कि इंडिया पहुंचते ही तुम्हारे खाते में ट्रांसफर कर दिया जायेगा। लेकिन यह वेतन उनके खाते में नहीं आता।
कर्मचारी चूंकि दिल्ली से बाहर के होते हैं इसलिए उनको कुछ समय तक तरह-तरह बहाने कर टरकाया जाता है। बाद में जब कर्मचारी या उनका अभिभावक कम्पनी के ओनर से सम्पर्क करता है तो उनका जवाब होता है कि मैंने तो काम पर नहीं रखा था। आप किसी ठेकेदार के अंडर में होंगे। अपने ठेकेदार से सम्पर्क कीजिये। अगर कम्पनी के मालिक पर सेलरी के लिए दबाव डाला गया तो उनका जवाब होता है- ”आप धमकी दे रहे हैं, आपकी हिम्मत कैसे हुई सीधे हमसे बात करने की… रुक मैं अभी पुलिस को कांफ्रेंस में लेता हूं और तेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज कराता हूं… गुआना में मेरी एक हजार करोड़ की मशीनें चोरी हुई हैं और सोना भी चोरी गया है… मैंने वहां एफआईआर करा दी है, इंवेस्टिगेशन चल रही है… आपको भी इस चोरी में फंसा दिया जायेगा…”
यह जवाब सुनकर बेचारे कर्मचारी भयभीत होकर चुपचाप बैठ जाते हैं। इस कम्पनी के एजेंट भारत ही नहीं अन्य देशों में फैले हुए हैं, जो इसी कारोबार में लगे हुए हैं। इसलिए दिल्ली की ऐसी कम्पनियों से सावधान रहें।
Sun and sand कंपनी में कार्यरत मयंक अग्निहोत्री द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.
मनीष दुबे
July 26, 2019 at 5:14 pm
भले ही कुछ ना हो मयंक जी एक कंप्लेन तो बनती ही है. दे दो sun&sand को. आपकी जिससे बात हुई हो मने जिसके माध्यम से गये हों उसे भी कागजी कार्यवाही में खेंच लेना प्लस मालिक सहित. कल को किसी और के साथ तो नहीं होगा. लड़िये बंधू.