लखनऊ : सामाजिक कार्यकर्ता डॉ नूतन ठाकुर ने इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में जस्टिस सुनील अम्बवानी और जस्टिस देवेन्द्र कुमार उपाध्याय के विरुद्ध हाई कोर्ट तथा इसके विभिन्न जजों के खिलाफ कथित रूप से अवमाननापूर्ण वक्तव्य देने के सम्बन्ध में एक अवमानना याचिका दायर किया है.
पूर्व में उन्होंने उत्तर प्रदेश के महाधिवक्ता के सामने कंटेंप्ट ऑफ कोर्ट्स एक्ट 1971 की धारा 15 में एक प्रार्थनापत्र दिया था जिसमें उन्होंने कहा था कि उनके एक पीआईएल में दोनों जजों ने 11 अप्रैल 2014 के अपने आदेश में कहा कि लगभग सभी रिट याचिकाएं बिना किसी रिसर्च के केवल अखबार की रिपोर्ट पर आधारित और जनहित में नहीं थीं और उन्हें ये याचिका दायर करने में प्रच्छन प्रश्रय मिला, जो हाई कोर्ट और उन सभी जजों की विद्वत्ता और महत्ता की अवमानना है जिन्होंने इन याचिकाओं को तथ्यपरक समझा था, साथ ही सभी लंबित याचिकाओं के सम्बन्ध में पूर्वाग्रह भी उत्पन्न करता है. महाधिवक्ता ने 19 जुलाई 2014 को मामले की सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था जो आज तक सामने नहीं आया है, जिससे व्यथित हो कर डॉ ठाकुर ने हाई कोर्ट में यह वाद दायर किया है.