Connect with us

Hi, what are you looking for?

सियासत

सूट-बूट यानी अंग्रेज गए लेकिन गुलामी की आदत नहीं गई

कुछ साल पहले मैं छत्तीसगढ के रायगढ गया था तो वहां शहर में अतिक्रमण के चलते टूटे पक्के मकानों,विशाल ईमारतों को देख दंग रह गया था,क्योंकि अपने देा दशक के पत्रकारिता जीवन में मैंने गरीबों के झोपडे टूटते देखा है,अमीरों के पक्के अतिक्रमण कभी—कभार एक—दो तब टूटते हैं जब वो अमीर किसी नेता या अधिकारी से पंगा लेता है। लेकिन इसके विपरीत रायगढ में कलेक्टर अमित कटारिया का बुलडोजर बिना  किसी बीपीएल सूची के चला। तब इन महोदय के बारे में पता किया तो पता चला कि ये मात्र एक रूपए वेतन लेते हैं। घर से संपन्न है और ज्यादा खर्च नहीं है इसलिए काम चल जाता है। रायपुर में भी इन्होंने निगम आयुक्त के रूप में बेहतरीन काम किया था,जिसका पता आज के रायपुर को देखकर लग सकता है। कुछ ऐसा ही नया रायपुर बनने पर गांव के युवाओं को प्रशिक्षण देकर किया।

<p>कुछ साल पहले मैं छत्तीसगढ के रायगढ गया था तो वहां शहर में अतिक्रमण के चलते टूटे पक्के मकानों,विशाल ईमारतों को देख दंग रह गया था,क्योंकि अपने देा दशक के पत्रकारिता जीवन में मैंने गरीबों के झोपडे टूटते देखा है,अमीरों के पक्के अतिक्रमण कभी—कभार एक—दो तब टूटते हैं जब वो अमीर किसी नेता या अधिकारी से पंगा लेता है। लेकिन इसके विपरीत रायगढ में कलेक्टर अमित कटारिया का बुलडोजर बिना  किसी बीपीएल सूची के चला। तब इन महोदय के बारे में पता किया तो पता चला कि ये मात्र एक रूपए वेतन लेते हैं। घर से संपन्न है और ज्यादा खर्च नहीं है इसलिए काम चल जाता है। रायपुर में भी इन्होंने निगम आयुक्त के रूप में बेहतरीन काम किया था,जिसका पता आज के रायपुर को देखकर लग सकता है। कुछ ऐसा ही नया रायपुर बनने पर गांव के युवाओं को प्रशिक्षण देकर किया।</p>

कुछ साल पहले मैं छत्तीसगढ के रायगढ गया था तो वहां शहर में अतिक्रमण के चलते टूटे पक्के मकानों,विशाल ईमारतों को देख दंग रह गया था,क्योंकि अपने देा दशक के पत्रकारिता जीवन में मैंने गरीबों के झोपडे टूटते देखा है,अमीरों के पक्के अतिक्रमण कभी—कभार एक—दो तब टूटते हैं जब वो अमीर किसी नेता या अधिकारी से पंगा लेता है। लेकिन इसके विपरीत रायगढ में कलेक्टर अमित कटारिया का बुलडोजर बिना  किसी बीपीएल सूची के चला। तब इन महोदय के बारे में पता किया तो पता चला कि ये मात्र एक रूपए वेतन लेते हैं। घर से संपन्न है और ज्यादा खर्च नहीं है इसलिए काम चल जाता है। रायपुर में भी इन्होंने निगम आयुक्त के रूप में बेहतरीन काम किया था,जिसका पता आज के रायपुर को देखकर लग सकता है। कुछ ऐसा ही नया रायपुर बनने पर गांव के युवाओं को प्रशिक्षण देकर किया।

अब जब बस्तर में कलेक्टर ही नक्सलियों के अपहरण के शिकार हो रहे हैं और जब पीएम व सीएम के आने पर 20 हजार से अधिक सुरक्षाकर्मियों की तैनाती करनी पडती है तब एक कलेक्टर बस्तर में कलेक्टरी कर रहा है तो ये किसी बहादुरी से कम नहीं है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

ऐसे में प्रदेश की भाजपा सरकार को केन्र्द सरकार के प्रधानमंत्री कार्यालय से तथाकथित दिशानिर्देश मिलने पर सिर्फ इसलिए कारण बताओ नोटिस थमाया जाता है कि उन्होंने सूट नहीं पहना और चश्मा लगाया था। इसी तरह दंतेवाडा के युवा कलेक्टर केसी देवासीनपंथी को भी सूट नहीं पहनने पर नोटिस दिया गया।

सवाल यह उठता है कि अंग्रेजों को गए दशकों हो गया लेकिन प्रशासन और यह शासन अभी भी अंग्रेज बना है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

उम्मीद थी कि भाजपा सरकार आएगी और कुछ बदलाव होगा लेकिन मोदी सरकार आई और सच में यह सरकार सूटबूट की ही सरकार है।

अब इतनी गर्मी में कोई बेवकूफ ही होगा जो सूटबूट और टाई पहनेगा।लेकिन रमन सरकार को चाहिए।

Advertisement. Scroll to continue reading.

दूसरी बात यदि यही प्रोटोकाल है तो प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री के लिए कोई प्रोटोकाल नहीं है।

कहां गए संघ के लोग जो भाजपा को स्वदेशी बताते थे और कांग्रेस को अंग्रेज मानसिकता का। अब जवाब दें वो, कि क्या इस सूट बूट का समर्थन करते हैं वो।

Advertisement. Scroll to continue reading.

सुनील द्विवेदी संपर्क : [email protected]

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement