मुंबई: दूरसंचार विवाद निपटान व अपीलीय ट्राइब्यूनल (टीडीसैट) ने टीवी डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी ताज टेलिविज़न पर एक लाख रुपए प्रतिदिन का जुर्माना लगा दिया है। जुर्माने की गिनती 3 फरवरी से शुरू होकर तब तक चलेगी, जब तक ताज अपने सिग्नल फास्टवे को देना नहीं शुरू कर देता।
ताज को जुर्माने की रकम 12 मार्च से दो सप्ताह के भीतर जमा करा देनी है। ट्राइब्यूनल ने अपने आदेश में कहा- मामले पर सावधानी से विचार करने पर हमने पाया कि ताज टेलिविज़न स्पष्ट रूप से ट्राइब्यूनल के आदेश की जानबूझकर अवज्ञा करने का दोषी है और इसलिए इसे ट्राई अधिनियम की धारा 20 के तहत जुर्माना देना होगा।
फास्टवे ने टीडसैट ने एक आवेदन दायर किया किया कि ताज टेलिविज़न ने 29 जनवरी को दिए गए आदेश का जान-बूझकर पालन नहीं किया है। ट्राइब्यूनल एमएसओ की मूल याचिका पर फैसला सुना चुका है।
ट्राइब्यूनल ने पाया कि ताज टेलिविज़न ने सुनवाई की तारीख तक फास्टवे को करनाल में सिग्नल नहीं उपलब्ध कराए हैं। ट्राइब्यूनल ने यह भी पाया कि आदेश के अनुपालन की बार-बार याद दिलाने के बावजूद ताज जान-बूझकर मामले को खींचता रहा है। उसने कहा कि फास्टवे ने टीडीसैट के पास 17 लाख रुपए जमा कराने का प्रमाण पेश कर दिया। फिर भी उसे ताज टेलिविज़न की तरफ से गोलमोल ई-मेल मिलता रहा कि मामले को प्रोसेस किया जा रहा है और वे जल्दी ही इसका जवाब देंगे। ताज टेलिविज़न के वकील तेजवीर सिंह भाटिया ने स्वीकार किया कि ताज ने अपने सिग्नल फास्टवे को नहीं उपलब्ध कराए हैं और ट्राइब्यूनल के 29 जनवरी 2015 के आदेश का अनुपालन नहीं किया गया है।