प्रधानाध्यापक से अनुदेशक तक को क्या क्या सब्जी उगाने में लगना है, आदेश में विस्तार से है वर्णन
रायबरेली। परिषदीय विद्यालयों में यदि वजीफा, मिड-डे मील, मुफ्त किताबें और ड्रेस आदि छात्रों को न उपलब्ध करायी जाये तो इन स्कूलों में गरीबों के बच्चे भी पढ़ने के लिए न आये। इन हालातों में एक नया शासनादेश जारी किया गया है। इसको पढ़कर यही लगता है कि इन विद्यालयों में पठन-पाठन की रही सही व्यवस्था भी चौपट होने की ओर अग्रसर है।
बेसिक शिक्षा अधिकारी के द्वारा जारी शासनादेश में स्पष्ट लिखा है कि सभी विद्यालयों में किचन गार्डेन विकसित किये जायेंगे।
शासनादेश के अनुसार जहां प्रधानाध्यापक को फूलगोभी/गाजर उगाना है, वहीं सहायक अध्यापक प्रथम को मूली/चुकन्दर, सहायक अध्यापक द्वितीय को टमाटर/पत्ता गोभी, सहायक अध्यापक तृतीय को पालक/बैंगन, प्रथम शिक्षामित्र/अनुदेशक को धनिया/सोया, द्वितीय शिक्षामित्र/अनुदेशक को हरी मिर्च व तृतीय अनुदेशक को टमाटर/गाजर किचन गार्डेन में उगाना है।
इन किचन गार्डेन का उच्चाधिकारियों द्वारा नियमित निरीक्षण किया जायेगा तथा सबसे अच्छी सब्जी उगाने वाले विद्यालयों को इनाम भी दिया जायेगा।
शासनादेश में स्पष्ट लिखा है कि यह गार्डेन उन्हीं विद्यालयों में बनाये जायेंगे जिनमें बाउण्ड्रीवाल की व्यवस्था होगी।
देखें आदेश-
