टीएमसी ने राज्यसभा चुनाव के लिए पत्रकार सागरिका घोष, पार्टी नेता सुष्मिता देव, मोहम्मद नदीमुल हक और ममता बाबा ठाकुर को उम्मीदवार बनाया है। इनमें से सागरिका घोष और सुष्मिता देव ने हाल ही में टीएमसी में शामिल हुए हैं। सुष्मिता देव एक पूर्व लोकसभा सांसद और कांग्रेस की पूर्व नेता हैं, जिन्होंने 2021 में टीएमसी में शामिल होने का फैसला किया था। उन्होंने असम में टीएमसी के लिए चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गई थी।
सागरिका घोष एक प्रसिद्ध पत्रकार और लेखिका हैं, जिन्होंने विभिन्न समाचार चैनलों और अखबारों में काम किया है। उन्होंने दो उपन्यास और कई किताबें भी लिखी हैं, जिनमें पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और अटल बिहारी वाजपेयी की जीवनी शामिल हैं। वर्तमान में, वे द टाइम्स ऑफ इंडिया में स्तंभकार हैं और NDTV पर एक कमेंटेटर के रूप में दिखाई देती हैं।
टीएमसी ने राज्यसभा चुनाव के लिए उन्हें उम्मीदवार बनाया है, जो 27 फरवरी को होने वाले हैं। यह उनका पहला राजनीतिक अनुभव होगा। उन्होंने टीएमसी के नेतृत्व और विचारधारा की सराहना की है और कहा है कि वे भारत के लिए एक विकल्प के रूप में उभर रही हैं।
वरिष्ठ पत्रकार समरेंद्र सिंह इस घटनाक्रम पर टिप्पणी करते हैं-
गोदी मीडिया चिल्लाते चिल्लाते मैडम सागरिका घोष जी तो खुद ममता बनर्जी की गोदी में बैठ गईं। राज्यसभा मुबारक हो! लेकिन क्रांति अभी आधी हुई है। डील आधी हुई है। इनके पतिदेव राजदीप सरदेसाई को कांग्रेस राज्यसभा भेज दे तो क्रांति पूरी हो जाएगी। डील पूरी हो जाएगी। और जिस दिन रवीश कुमार पांडे संसद जाएंगे, उस दिन चूजा क्रांति भी हो जाएगी। सुपर डील होगी। इस ऐतिहासिक घटना पर दो लाइनें पेशे खिदमत हैं:कई फरियादी हाजिर हैं दिलबर के दरबार में प्यारे तेरे प्यार में लुट गए सब बाजार में