धर्मवीर-
आज जब वह अपना इस्तीफ़ा देकर PC कर रहे थे तो मुझे रह रहकर उत्तरा बहुगुणा नाम की यह विधवा टीचर याद आ रहीं थीं । ढाई वर्ष पहले का ही तो वाक़या है । यह विधवा टीचर अपने ट्रान्स्फ़र की रिक्वेस्ट को लेकर CM साहब से मिली थीं और CM साहब ने बड़े लेवल का अहंकार दिखाते हुए ना सिर्फ़ इनके ट्रांसफ़र की अर्ज़ी ठुकराई बल्कि वाद विवाद करने का आरोप लगाकर पहले नौकरी से सस्पेंड कर दिया और फ़िर बाद में पुलिस से अरेस्ट करवाने का फ़रमान दे दिया।
पुरुष प्रधान समाज में एक स्त्री का संघर्ष ताउम्र चलता रहता है । इस पर से अगर सत्ता प्रधान ही इस प्रकार का व्यवहार करने बैठ जाए तो फ़िर स्त्री कहाँ जाए न्याय पाने को । बहुगुणा मैडम की हाय और बद्दुआ में इतनी ताक़त रही कि उम्मीद से बहुत पहले ही त्रिवेंद्र सिंह रावत की कुर्सी चली गई । राजनीति में अहंकार के लिए कोई स्थान नहीं होता और सार्वजनिक तौर पर इसका प्रदर्शन तो और भी बेहूदा कृत्य है।
देर से ही सही लेकिन त्रिवेंद्र रावत को कुर्सी से हटाने के लिए #भाजपा के शीर्ष नेत्रत्व की प्रशंसा ट बनती ही है । इस तरह के परिवर्तन यह उम्मीद भी जगाते हैं कि भले ही भाजपा अजेय नज़र आती हो पर आज भी वह जनता – जनार्दन की नाराज़गी से डरती है।
(लेखक का अपना YouTube चैनल है Dharam Veer Live नाम से ।)