यशवंत सिंह-
बड़े पत्रकार बड़े अफसरों को तेल लगाते हैं और उनका आशीर्वाद-कृपा पाते रहते हैं. इसी तरह छोटे पत्रकार छोटे अफसरों से पीआर सेट किए रहते हैं और गाहे बगाहे आशीर्वाद लिया करते हैं.
पहले ये सब काम छिप छिपा कर होता था कि किसी को मालूम न चल जाए. पर अब लाज शरम किस चिड़िया का नाम है. जो जहां है, वहीं तेल मक्खन लेकर ताबड़तोड़ मालिश में लगा हुआ है.
गोदी मीडिया तो गोदीजी को खुश कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करने में लगा हुआ. जिसे वहां मौका नहीं मिल पा रहा, वो अपने अपने लेवल के हिसाब से उचित सत्ताधारी को पकड़ तेल मालिश करते हुए आशीर्वाद ले रहा है.
निचले जमीनी स्तर पर इंस्पेक्टर ही सबसे बड़ा माईबाप है इसलिए गांव कस्बे के पत्रकार उसी का आशीर्वाद ले रहे हैं… इसमें गलत तो कहीं से कुछ लग नहीं रहा है… जब बड़े बड़े पत्रकारों ने तेल लगाने में लाज शरम बेच खाई है और हरवक्त सत्ताधारियों की जैजै करते रहते हैं तो फिर निचले स्तर के पत्रकारों को आप कैसे रोक सकते हैं..
नीचे दिए गए स्क्रीनशाट को देखिए. एक महोदय ने ऐलानिया लिखा है कि फलां फलां पत्रकारों ने एक इंस्पेक्टर महोदय को दूसरे थाने का प्रभारी बनाए जाने पर जाकर जाकर बातचीत की और आशीर्वाद प्राप्त किया. इसके बाद सबका ग्रुप फोटो है.
ये स्क्रीनशाट ही पूरी कहानी है. देखिए और काम पर लगिए… TTM करिए… टीटीएम बोले तो…. ताबड़तोड़ तेल मालिश…
ये कहाँ आ गए हम… तेल मालिश करते करते…
वैसे ये समझ में नहीं आ रहा है कि इंस्पेक्टर साहब थाना प्रभारी बनाए गए हैं तो उन्हें बधाई देने के बजाय पत्रकारों ने उनसे आशीर्वाद क्यों लिया?
जै हो…
Comments on “ब्रेकिंग न्यूज… थाना प्रभारी बनाए जाने पर पत्रकारों ने इंस्पेक्टर से आशीर्वाद प्राप्त किया!”
भाई साहब जिन्होंने आशीर्वाद लिया हो वो जाने, मैं कुत्तों के सामने लपकने वाला व्यक्ति नही हूं। मुलाकात की और सबके आग्रह पर फोटो के लिए खड़ा हो गया, वो भी बिल्कुल किनारे….
आपका लेख अच्छा लगा
जय भड़ास, जय यशवंत
मैं खाकी की तेल मालिश नहीं कर पाता हूं और सच्चाई दमदारी से सबके सामने लाता हूं इसीलिए मुझपर मुकदमे बढ़ते जा रहे हैं
अब जब फोटो में मैं हूं तो जो भी कहा जाए…..
वाकई बड़ी हास्यास्पद स्थिति है आज पत्रकारों की। लेकिन मैं आपको यह बता दूं कि अभी भी कुछ लोग ब्राह्मणों से आशीर्वाद मांगते रहते हैं, चाहे वे दें या न दें। इंस्पेक्टर दीपक शुक्ला चूंकि एक ब्राह्मण हैं, इसलिए ज़्यादातर शायद गैर ब्राह्मण पत्रकार उनसे चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लेने गए होंगे। हाहा हाहा