विनोद शर्मा-
देश का गृह मंत्री और प्रदेश का मुख्यमंत्री घर घर जाकर लोगों को डरा रहे हैं। उत्तरप्रदेश में ग़ज़ब की हॉरर फ़िल्म बन रही है…ख़ुद डरे हुए लोग औरों को डराने निकले हैं।
अमिताभ श्रीवास्तव-
देश के गृहमंत्री पश्चिमी उत्तर प्रदेश में घूम-घूमकर लोगों को डरा रहे हैं कि समाजवादी पार्टी सत्ता में लौटी तो प्रदेश में फिर से दंगे होने लगेंगे, गुंडाराज कायम हो जाएगा। अमित शाह बिहार और पश्चिम बंगाल के चुनावों में भी इसी तरह नकारात्मक प्रचार करते थे। नतीजा सबने देखा है।
बीजेपी से डरा-दबा मुख्यधारा का मीडिया यह कहने की हिम्मत नहीं दिखा पा रहा है कि उत्तर प्रदेश की चुनावी लडाई में बीजेपी किस कदर डरी हुई है।
सौमित्र रॉय-
यूपी में अब आखिरी, निर्णायक लड़ाई शुरू हो चुकी है।
एक तरफ किसान आंदोलन ने जहां गृह मंत्री अमित शाह को सड़क पर ला दिया है, वहीं चुनाव की पूरी कमान आज सुबह से आरएसएस और हिंदुत्व से जुड़े 3 दर्जन संगठनों ने अपने हाथ ले ली है।
योगी आज सुबह से कभी जिन्ना, तो कभी ठाकुर और अभी तमंचावादी पार्टी जैसे शब्दों से ध्रुवीकरण की कोशिश में जुट गए हैं।
ये आरएसएस की भाषा रही है। साफ़ है कि आगे भी योगी से आप ऐसी ही भड़काऊ भाषा सुनेंगे।
यानी 10 मार्च का जनादेश सिर्फ़ मोदी और योगी ही नहीं, आरएसएस और 40 हिंदुत्व संगठनों के लिए भी होगा।
सपा गठबंधन को अब बहुत संयम से लड़ना होगा।