योगी राज का उप निरीक्षक परीक्षा घोटाला (यूपी एसआई एग्ज़ाम स्कैम) तूल पकड़ता जा रहा है। इस यूपीएसआई भर्ती घोटाले पर लगातार खुलासे कर रहे और कोर्ट के ज़रिए सच सामने लाने की कोशिश कर रहे अमिताभ ठाकुर को फिर से धमकाने हेतु उनको हाउस अरेस्ट कर लिया गया है।
जो पीड़ित छात्र इस घोटाले के मुद्दे पर सक्रिय हैं, लखनऊ पुलिस उन्हें पकड़ पकड़ कर धमका रही, बंद कर रही है।
इस घोटाले को सरकारी तंत्र डंडे के ज़ोर पर दबाने के चक्कर में है। लेकिन अब यह मामला दबने वाला नहीं है। बिकाऊ अख़बारों और न्यूज़ चैनलों ने सरकारी विज्ञापनों के टुकड़े के लालच में भले इस घोटाले पर चुप्पी साध रखी हो, लेकिन न्यू मीडिया, यानि डिजिटल मीडिया सक्रिय है।
चर्चित युवा पत्रकार श्याम मीरा सिंह अपने नए नवेले YouTube चैनल पर यूपी एसआई एग्ज़ाम स्कैम का पूरा कच्चा चिट्ठा लेकर आए हैं। देखें ये वीडियो, घोटाले को समझें और श्याम के चैनल को फ़ॉलो भी करें!
लिंक ये है-
अमिताभ ठाकुर के इस पत्र से ज़ाहिर है कि किस तरह घोटाले को दबाने की हर क़िस्म की कोशिश की जा रही है-
सेवा में,
पुलिस कमिश्नर,
लखनऊ
विषय- यूपी दरोगा भर्ती परीक्षा 2020-21 भ्रष्टाचार मामले में दिनांक 20/06/2022 को ईको गार्डन, लखनऊ में महासत्याग्रह के संबंध में घटित घटनाक्रम विषयक
महोदय,
कृपया मेरे समसंख्यक पत्र दिनांक 17/06/2022 तथा आज दिनांक 19/06/2022 को समय 19.00 बजे के ईमेल/व्हाट्सएप पत्रों का संदर्भ ग्रहण करने की कृपा करें, जिसके माध्यम से मैंने उपनिरीक्षक सीधी भर्ती परीक्षा 2020-21 मामले में भ्रष्टाचार, घोटाला, गड़बड़ी एवं अनियमितता के दृष्टिगत दिनांक 20/06/202 को ईको गार्डन, लखनऊ में महासत्याग्रह के आह्वान से सूचित किया था और इस हेतु आवश्यक पुलिस प्रबंध का अनुरोध किया था.
इसके बाद समय 20.30 पर मोबाइल नंबर 9651364449 से उस परीक्षा के एक अभ्यर्थी का फोन आया कि वह कुछ लड़कों के साथ मेरे घर के सामने खड़ा है किन्तु वहां भारी संख्या में पुलिस भी है.
मैं जब तक बाहर निकलता तब तक वह लड़का न जाने कहाँ गायब हो गया और उसका फोन स्विच ऑफ आने लगा. यह अवश्य था कि घर के सामने भारी पुलिसबल था, जिससे साफ था कि वे लड़के पुलिसबल द्वारा ही उठाये गए हैं क्योंकि मेरे घर से निकल कर बाहर खड़ा होते समय ही मेरे घर के सामने से उसी समय एक काले रंग की गाड़ी में कुछ लोगों को बैठा कर ले जाया गया था, जो स्पष्ट रूप से पुलिस की कार्यवाही लग रही थी.
मैंने इन पुलिसवालों से पूछा कि क्या वे मेरे संदर्भ में आये हैं तो उन्होंने पहले मना किया किन्तु बाद में कहा कि वे मेरे लिए ही आये हैं. मैंने उनसे पूछा कि क्या मेरे लिए कोई आदेश है तो उन्होंने कहा कि उच्चाधिकारियों ने बस मेरे घर के सामने खड़े रहने की ड्यूटी दी है.
मैं अनुरोध करूँगा कि यह पूर्णतया आपत्तिजनक स्थिति है जहाँ यह नहीं बताया जा रहा है कि आखिर यह पुलिसबल मेरे घर के सामने क्यों है. यह निश्चित रूप से हाउस अरेस्ट की स्थिति है.