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उत्तर प्रदेश

उपजा ने शासन-प्रशासन को लगाया लाखों का चूना

लखनऊ : उत्तर प्रदेश जर्नलिस्ट एसोसिएशन (उपजा) पदाधिकारियों के कारनामे अब आए दिन सुर्खियां बनने लगे हैं। इसी क्रम में संगठन के नाम पर लखनऊ और बरेली में उत्तर प्रेदश शासन से  लाखों रुपये लेकर उसका ब्योरा सार्वजनिक न किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। बताया गया है कि वर्ष 2005 में उपजा से जुड़े रहे जिस रमेश जैन ने मृत पंजीयन संख्या-2946 वाले यूपी जर्नलिस्ट्स एसोसियशन के बी-ब्लाक दारुलशफा, लखनऊ स्थित कार्यालय पर लाखों की धोखाधड़ी कर लिए जाने का आरोप उछाला था, वही, वर्तमान में संगठन महामंत्री होते हुए भी उस प्रकरण पर अब चुप्पी साध गए हैं।

<p>लखनऊ : उत्तर प्रदेश जर्नलिस्ट एसोसिएशन (उपजा) पदाधिकारियों के कारनामे अब आए दिन सुर्खियां बनने लगे हैं। इसी क्रम में संगठन के नाम पर लखनऊ और बरेली में उत्तर प्रेदश शासन से  लाखों रुपये लेकर उसका ब्योरा सार्वजनिक न किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। बताया गया है कि वर्ष 2005 में उपजा से जुड़े रहे जिस रमेश जैन ने मृत पंजीयन संख्या-2946 वाले यूपी जर्नलिस्ट्स एसोसियशन के बी-ब्लाक दारुलशफा, लखनऊ स्थित कार्यालय पर लाखों की धोखाधड़ी कर लिए जाने का आरोप उछाला था, वही, वर्तमान में संगठन महामंत्री होते हुए भी उस प्रकरण पर अब चुप्पी साध गए हैं।</p>

लखनऊ : उत्तर प्रदेश जर्नलिस्ट एसोसिएशन (उपजा) पदाधिकारियों के कारनामे अब आए दिन सुर्खियां बनने लगे हैं। इसी क्रम में संगठन के नाम पर लखनऊ और बरेली में उत्तर प्रेदश शासन से  लाखों रुपये लेकर उसका ब्योरा सार्वजनिक न किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। बताया गया है कि वर्ष 2005 में उपजा से जुड़े रहे जिस रमेश जैन ने मृत पंजीयन संख्या-2946 वाले यूपी जर्नलिस्ट्स एसोसियशन के बी-ब्लाक दारुलशफा, लखनऊ स्थित कार्यालय पर लाखों की धोखाधड़ी कर लिए जाने का आरोप उछाला था, वही, वर्तमान में संगठन महामंत्री होते हुए भी उस प्रकरण पर अब चुप्पी साध गए हैं।

 

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यूपी जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन के महामंत्री रमेश जैन ने 30 जून, 2007 को मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में (मृत पंजीयन 2946,के यू0पी0 जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन दारूलशफा, लखनऊ का रजिस्ट्रार ट्रेड यूनियन कानपुर के आदेश 668‘-72/टी-2 दिनांक 16-3-04 पंजीयन 2946 को निरस्त कर दिये जाने का) खुलासा करते हुए लिखा था कि वर्ष 2005-06 में महामंत्री रहे राजीव शुक्ला ने उपजा के लेटर हैड पर पत्रकारो और शासन को गुमराह कर मुख्यमंत्री से दो लाख की सहायता प्राप्त कर ली थी। इस राशि का 31 मार्च 2006 तक इस्तेमाल कर नियमानुसार लिखित तौर पर उससे शासन को अवगत कराना चाहिए था। अन्यथा वह राशि शासन को लौटा दी जानी चाहिए थी। पत्र में यह भी आरोप लगाया गया था कि अन्य खाते में स्थानांरित कर उक्त राशि का दुरुपयोग करते हुए महामंत्री और कोषाध्यक्ष ने शासन ही नहीं, पत्रकारों को भी दिगभ्रमित किया।

इसी तरह उपजा की बरेली इकाई में वर्ष 2005 में शाखा महामंत्री ने एक लाख रुपये की आर्थिक साहायता जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री से मांगी थी, जिसे पत्र संख्या 5993/सू0एंवज0स0वि0(प्रेस)-31/2005 के अनुसार 28 दिसम्बर 2005 को उपजा प्रेस क्लब के जीर्णोद्धार के लिए आहरित करा दिया गया था। शासन ने उस राशि के इस्तेमाल का ब्योरा भी मांगा था। उपजा लखनऊ एंव बरेली के अध्यक्ष-महामंत्रियों ने आर्थिक सहायता को इसी पंजीयन 2946, के तहत शासन से प्राप्त किया। यूपी जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन, बरेली ने राशि लेकर कोई जीर्णोद्धार नहीं कराया। फर्जी कागजात जिला अधिकारी के मध्यम से शासन को प्रेषित कर दिया गया। इसी क्रम में बीते दिनो एक केन्द्रीय मंत्री से भी 10 लाख रुपये की सहायता की घोषणा शहर के एक होटल में अयोजित कार्यक्रम में करा ली गई। 

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(एक पत्रकार द्वारा प्रेषित पत्र पर आधारित)

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0 Comments

  1. vijay

    March 21, 2015 at 4:33 pm

    😆 sharmnak…

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