बोकारो जिले में एक पत्रकार है विपिन मुखर्जी। यह कई वर्षों से दैनिक प्रभात खबर के लिए अवैतनिक रिपोर्टिंग का काम करता था। उसके असामाजिक कृत्यों को लेकर क्षेत्र के लोगों द्वारा प्रभात खबर को कई शिकायतें भेजी गईं मगर प्रभात खबर मुफ्त की खबरों को छोड़ना नहीं चाह रहा था। अत: लोगों द्वारा किये गए लाख शिकायतों के बाद भी विपिन मुखर्जी को नहीं हटाया गया।
मगर एक कहावत है कि पाप का घड़ा कभी न कभी फूटता जरूर है। वही हुआ। शादीशुदा व बाल बच्चेदार विपिन मुखर्जी का एक दूसरी शादीशुदा व बाल बच्चेदार औरत से नाजायज संबंध था। एक दिन विपिन मुखर्जी और उस औरत की एक घिनौनी तस्वीर वाट्सएप पर वायरल हो गई। चारो तरफ विपिन मुखर्जी की छी छी होने लगी। तब प्रभात खबर की नजर खुली। उसने विपिन मुखर्जी को तुरंत चलता किया।
विपिन मुखर्जी की पत्रकारिता के नाम पर चल रही दुकानदारी बंद हो गई। उपर से चरित्र हीनता के कारण लोग उससे दूर भागने लगे। वह विकल्प तलाशने लगा। तब बोकारो जिले से प्रकाशित दैनिक भास्कर ने उसे सहारा दिया। अखबार को मुफ्त के समाचार चाहिए था। सो उसने तुरंत विपिन मुखर्जी को अपना न्यूज इनफॉरमार या समाचार प्रतिनिधि का प्रभार दे दिया है। इसे लेकर क्षेत्र में दैनिक भास्कर की काफी आलोचना हो रही है।