आतंकी संगठन आईएसआईएस के लिए टि्वटर हैंडल चलाने के आरोप में छह महीने पहले गिरफ्तार किए गए मेहदी मसरूर बिस्वास के खिलाफ सेंट्रल क्राइम ब्रांच ने 37 हजार पेज की चार्जशीट दाखिल की है। ब्रिटेन के एक निजी न्यूज चैनल ने गत वर्ष मेहदी की पहचान जारी कर दी थी , जिसके बाद गत वर्ष 13 दिसंबर को उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। कोलकाता में पैदा हुए 25 वर्षीय मेहदी पेशे से इंजीनियर है और वह एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में काम करता था।
चार्जशीट के मुताबिक, वह भारत में बैठकर आईएसआईएस ज्वाइन करने में विदेशी लड़ाकों की मदद करता था। वह उनको बताता था कि तुर्की की सीमा पार करके सीरिया में आईएसआईएस के गढ़ तक कैसे पहुंचा जाए। मसरूर के टि्वटर हैंडल से उसके और 18 हजार फॉलोअर्स द्वारा किए गए 1 लाख 22 हजार ट्वीट्स और रीट्वीट्स के आधार पर उस पर देश के खिलाफ जंग छेड़ने और आतंक को बढ़ावा देने से संबंधित धाराएं लगाई गई हैं। सूत्रों के मुताबिक, विदेशी धरती पर आतंकवाद के मामले में मेहदी के खिलाफ केस चलाने की मंजूरी केंद्र सरकार ने बीते हफ्ते ही दी है। दो महीने पहले उसकी जमानत याचिका रद्द हो चुकी है।
मेहदी मसरूर बिस्वास द्वारा एक ब्रिटिश चैनल को इंटरव्यू दिए जाने के बाद भारतीय खुफिया एजेंसियां हरकत में आई थीं, जिसके बाद उसे 13 दिसंबर, 2014 गिरफ्तार किया गया। वह मूल रूप से पश्चिम बंगाल का रहने वाला था। ब्रिटेन के चैनल फोर ने उसकी पहचान आईएसआईएस के टि्वटर हैंडलर के तौर पर सार्वजनिक की थी। गिरफ्तारी के वक्त वह एक मल्टी नेशनल फूड कंपनी में काम कर रहा था। वह बेंगलुरु के झलाहल्ली इलाके में एक अपार्टमेंट में रहता था।
जांच में पता चला है कि एक सीरियाई आईएसआईएस फाइटर ने विस्वास से तुर्की के रास्ते सीरिया में दखल होने का तरीका पूछा था। वह कुछ ब्रिटिश आईएस लड़ाकों के सीधे संपर्क में भी था। वह बंधकों के वीडियोज को सोशल मीडिया पर डालकर आईएसआईएस के प्रोपेगैंडा को बढ़ावा देता था।