इलाहाबाद। मनमानी की इंतिहां देखिए। एजी ऑफिस की मनमानी के चलते प्रसिद्ध कवि यश मालवीय इंग्लैंड में होने वाले कवि सम्मेलन के आयोजन में शिरकत नहीं कर सकेंगे। एजी ऑफिस ने वीजा के लिए उन्हें एनओसी (अनापत्ति प्रमाणपत्रद्ध) देने से इंकार कर दिया है। लिहाजा, इंग्लैंड में 20 अगस्त से पहली सितंबर तक होने वाले विराट कवि सम्मेलन में शामिल होने से यश वंचित हो रहे हैं। इस आयोजन में प्रख्यात शायर निदा फाजली, भारतीय ज्ञानपीठ के निदेशक लीलाधर मंडलोई सरीखे रचनाकार को शामिल होना है।
यश मालवीय हिंदी कविता का जाना पहचाना नाम है। कविता के सशक्त हस्ताक्षर रहे स्वर्गीय उमाकांत मालवीय के पुत्र यश मालवीय गणतंत्र की पूर्व संन्ध्या पर दिल्ली के लालकिला से होने वाले अखिल भारतीय कवि सम्मेलनों में वर्ष 2007 से 2013 तक लगातार कवितापाठ कर चर्चित होते रहे हैं। उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान का निराला पुरस्कार, केंद्र सरकार का ऋतुराज सम्मान, महाराष्ट्र सरकार का मोदी कला भारतीय सम्मान से सम्मानित होने वाले यश मालवीय के साथ एजी ऑफिस की मनमानी से इलाहाबाद के साहित्यकारों में नाराजगी है। यश मालवीय को लंदन में आयोजित विराट कवि सम्मेलन में काव्यपाठ के लिए आमंत्रित किया गया। इलाहाबाद के कवि को लंदन से बुलावा आने पर शहर के साहित्यकारों में खुशी का ठिकाना न रहा पर ये खुशियां ज्यादा समय तक न ठहर सकीं। एजी ऑफिस में नौकरी करने वाले यश मालवीय ने पासपोर्ट में लगने के लिए एनओसी के लिए ऑफिस में आवेदन किया तो उन्हें एनओसी देने से साफ इंकार कर दिया गया। यश मालवीय को बताया गया कि उनके ऊपर पेनाल्टी इंपोज की गई है इसलिए उन्हें एनओसी नहीं दिया जा सकता। शहर के साहित्यकारों ने इसे साहित्य जगत का अपमान माना है।
इलाहाबाद से वरिष्ठ पत्रकार शिवाशंकर पांडेय की रिपोर्ट. संपर्क: 09565694757