कुमार सौवीर-
मिठाई से मुझे शुरू से ही इनकार रहा है। ब्रेन स्ट्रोक के बाद घी-तेल की चीज़ें से डॉक्टरों से मना कर रखा है। आत्मीय-सम्बन्ध तो दीगर बात है, लेकिन नफा-नुकसान से प्रेरित राजनीतिक तोहफों से तो सख्त ऐतराज रहा है मुझे। मेरी गैर-मौजूदगी में यह डिब्बा आया, तो बच्चों ने दो गुझिया खा डाली।

खैर, योगी जी हमारे सम्मानित मुख्यमंत्री हैं। पिछले दो बरस से तीन गंभीर दुर्घटनाओं और मर्मान्तक पीड़ा से जूझ रहा हूँ, लेकिन मुख्यमंत्री के सूचना सलाहकारों और सूचना सचिव, निदेशक समेत किसी भी मंत्री-अधिकारी ने खबर नहीं ली। और अब यह मिठाई का डिब्बा किसी मजाक से कम नहीं लग रहा है।
लेकिन कुछ सवाल हैं। एक दर्जन गुझिया, छह नमकीन सूखे छोटे समोसे, छोटे-छोटे भुरकी जैसे दो नमकीन और थोड़ा गुलाल। इसे पत्रकारों के घर तक यह डिब्बा पहुंचाने में अच्छा-खासा खर्चा आ गया होगा योगी जी ! वैसे इस डिब्बे की कीमत आयी होगी? पता तो चलना ही चाहिए न!
शम्भूनाथ शुक्ला-
साढ़े चार दशक के पत्रकारीय जीवन में पहली बार अपन ने कोई सरकारी भेंट स्वीकार की। आज अभी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के यहाँ से गुझिया का डिब्बा आया।

अब तो यूँ भी मुझे नोएडा मीडिया क्लब ने लाइफ़ टाइम अचीवमेंट अवार्ड दे दिया है। इसका मतलब होता है, अब आप पत्रकारीय दायित्व से मुक्त हुए। यानी अब मैं उपहार लूँ या उत्कोच, कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता।
सुशील दुबे-
मुझे लोगों ने चढ़ा चढ़ा कर झाड़ के पेड पर बौठा दिया था कि मैं भी Lko का सीनियर पत्रकार और संपादक, Gm टाइप आईटम रहा हूँ… 9 चैनलों पर फ्रीलांस नाम से इबेट डिबेट भी करता रहता हूँ… 7 साल तक सूचना विभाग की डायरी में नाम पद भी छपा है…
लेकिन मेरा बुखार तब उतर गया जब CmUp आदरणीय योगी जी के यहाँ से ये कीमती डिब्बा मेरे पास अभी तक नहीं आया और मेरे अग्रज पंडित कुमार सौबीर जी के यहाँ आने की सूचना सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है.. शायद मेरी मेहनत में ही कोई कमी रह गयी होगी.. अब कोशिश करूँगा Di या अन्य आदि से ताकि अगली बार तोहफ़े अपनी तरफ़ भी आएँ…
One comment on “होली पर पत्रकारों को गुझिया भेज रही है योगी सरकार!”
उपहार तो उपहार होता है।
स्वीकारने पर प्यार होता है।।
ठुकरा दिया तो दिल दुखी,
भेजता वही जिसे एतबार होता है।।