इंदौर में तीन कथित रिपोर्टर एक चैनल के नाम का दुरुपयोग करते हुए उसकी फर्जी माईक आईडी तैयार की. साथ ही चैनल के नाम का बैंक एकाउंट भी खोल लिया ताकि चैनल के नाम पर अवैध वसूली वाले चेक को भुनाया जा सका. इसकी भनक एमपी न्यूज एक्सप्रेस के संचालक मनीष सिसोदिया को लगी तो पूरी जानकारी इंदौर पुलिस को दी गई.
इसके बाद हुई जांच में पता चला कि खुद को चैनल का सर्वेसर्वा बताने वाले प्रशांत शुक्ला, गणेश तिवारी, सिद्धार्थ उपाध्याय और पी चक्रवर्ती न केवल चैनल के नाम पर विज्ञापन वसूली का फ्राड कर रहे हैं बल्कि चारों ने चैनल के नाम से पैन कार्ड और बैंक में फर्जी तरीके से खाते भी खुलवा रखे हैं।
प्रथम दृष्टया ही मामला धारा 420 का होने के कारण क्राइम बांच की टीम ने इन्हें इनके ठिकाने से उठा लिया. पहले तो चारों पत्रकारिता का रौब झाड़ने लगे. इसके बाद पुलिस ने चारों को थाने लाकर कड़ी पूछताछ की तो चारों ने अपनी गलती स्वीकारते हुए अवैध वसूली और चैनल को धोखाधड़ी से हड़पने के बारे में जानकारी दी. साथ ही चैनल के असली संचालक से माफी मांगी.
इस दौरान संचालक मनीष सिसोदिया ने शर्त रखी कि जिस तरह चारों ने खबर बनाकर अवैध वसूली की उसी तरह से चैनल के माइक पर कैमरे के सामने माफी मांगें. इसके बाद उन्हें माफ किया जाएगा. इसके बाद चारों आरोपियों ने जेल जाने के डर से माफी मांगी जिसे उनकी बाईट के साथ गलती के प्रमाण के तौर पर रिकार्ड किया गया.
बताया जाता है इन चारों को जेल जाने से रोकने के लिए कुछ विधायकों के भी पुलिस के पास फोन आ रहे थे. इसके अलावा कुछ स्थानीय चैनल के वसूलीबाज भी सक्रिय थे. लेकिन संचालक आखिर तक टस से मस नहीं हुए. चारों को सबक सिखाकर ही छोड़ा. हालांकि अब प्रशांत शुक्ला पिता गणेश तिवारी, सिद्धार्थ उपाध्याय और पी चक्रवर्ती का कहना है कि भले परिवार सहित इंदौर छोड़कर गांव लौटना पड़े लेकिन चैनल के नाम पर ऐसी वसूली नहीं करेंगे. संभवत: यह पहला मामला है जिसमें शहर भर में लोगों की खबर बनाने वाले पत्रकार खुद ही अपने ही चैनल में खबर बन गए हों.
देखें माफीनामा वाला वीडियो…
https://youtu.be/-7sgeKVySIQ