संदीप ठाकुर
दिल्ली विधानसभा रजौरी गार्डन सीट के उपचुनाव के नतीजे अप्रत्याशित नहीं
हैं। झटका तो लगना ही था। केजरीवाल सरकार की जो हरकतें हैं वह इसे और
नीचे ले जाएंगी। मीडिया पर पाबंदी, उपराज्यपाल व केंद्र से लड़ाई, पार्टी
में जातिवाद,बड़े बड़े वादे, नौसिखिया लोगां को मंत्रीमंडल में शामिल
करना,सड़कछाप लोगों का विधायक तो बन जाना लेकिन छिछाेरी हरकतें
करना,पीएम बनने के सपने पाल बैठना, दिल्ली छोड़ पंजाब व गोवा भाग
जाना, हर मामले को कोर्ट तक ले जाना और फिर वहां से लुट पिट कर वापस
आना,जनता के पैसे का दुरुपयोग, जीतते ही तमाम तरह की सुख सुविघाएं ले
लेना…जैसे अनेकों कारण हैं जिसने केजरीवाल की लाेकप्रियता काे गिराया
है। लोगों का लगा कि अन्ना आंदोंलन से निकले इस व्यक्ति ने कहा क्या
था और कर क्या कर रहा है। लोग तालमेल नहीं बिठा पा रहे हैं। क्जरीवाल व
दूसरे नेताओं में अंतर नहीं कर पा रहे हैं। केजरीवाल की इमेज एक झूठे
व्यक्ति की बन गई और परिणाम सामने है।
दिल्ली में बीजेपी भारी पड़ रही तो कांग्रेस भी दो-दो हाथ करती दिख रही
है। एक सीट के उपचुनाव में न सिर्फ अरविंद केजरीवाल की पार्टी की हार
हुई, बल्कि उनके उम्मीदवार की जमानत तक जब्त हो गई। दो साल पहले इसी
अरविंद केजरीवाल की पार्टी ने सूबे की 70 में 67 सीटों पर जीत का परचम
लहराया था और इस सीट पर आप के उम्मीदवार ने रिकार्ड भारी मतों से जीत
दर्ज की थी। इस उपचुनाव को एमसीडी चुनाव का सेमीफाइल कहा जा रहा था और इस
जंग में अरविंद केजरीवाल को करारी हार मिली है।
राजौरी गार्डन सीट के नतीजे ने बताया कि दिल्ली सूबे की सियासी ताकत बदल
रही है और अब दिल्ली में केजरीवाल की वो ताकत नहीं है, जो 2015 में दिखी
थी। बिजली हाफ, पानी माफ के बाद भी जमानत जब्त हो जाना। इसका जवाब ढूंढना
केजरीवाल के लिए एक मुश्किल सवाल है।
दिल्ली में हार पर डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने अपनी पहली प्रतिक्रिया
दी है और अपनी हार कबूल की है। हालांकि, उन्होंने इसे रजौरी गार्डन की
जनता की नाराज़गी बताया और कहा कि एमसीडी चुनाव में उनकी पार्टी जीतेगी।
लेकिन जो हालात हैं उनमें यह सिर्फ दावा ही साबित होने वाला है। दिल्ली
में एमसीडी में मुकाबला भाजपा आैर कांग्रेस में ही होता दिख रहा है। आप
हर जगह हाशिए पर दिख रही है।
लेखक संदीप ठाकुर दिल्ली के वरिष्ठ पत्रकार हैं. उनसे संपर्क [email protected] के जरिए किया जा सकता है.
इसे भी पढ़ें…