अमर उजाला बस्ती का वैश्विक अविष्कार- स्वस्थ मानव के प्लाज्मा से भी ठीक होंगे कोरोना पॉजिटिव! अमर उजाला के बस्ती संस्करण ने कोरोना से लड़ने में एक वैश्विक क्रांति वाला अविष्कार ईजाद किया है। इस अविष्कार ने दुनिया के तमाम देशों के नामी-गिरामी वैज्ञानिक, शोधकर्ता और डॉक्टर को पीछे छोड़ दिया है।
अमर उजाला बस्ती के 30 अप्रैल के संस्करण में पेज नंबर 2 पर ‘कोरोना पॉजिटिव को प्लाज्मा देगा खैर ट्रस्टी का परिवार’ शीर्षक से प्रकाशित खबर ने चिकित्सा जगत के साथ ही बस्ती के हजारों पाठकों को भौचक्का कर दिया है। खबर में लिखा है कि खैर ट्रस्ट के मुतवल्ली मोहम्मद अकरम कोरोना से लड़ने के लिए अपना प्लाज्मा देंगे। प्लाज्मा दान देने के लिए उन्होंने शासन-प्रशासन से अनुमति भी मांगी है।
जबकि सर्वविदित है कि प्लाज्मा उसी व्यक्ति का लिया जा जाएगा जो कोरोना संक्रमण से ठीक हो चुका हो।
यहां यह भी बताना उचित होगा कि खैर ट्रस्ट के जिस मुतवल्ली मोहम्मद अकरम ने प्लाज्मा देने की बात कही है उन पर क्वारंटीन का उल्लंघन करने और पिता की बजाए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ही श्रद्धांजलि देने संबंधी आरोप में बस्ती कोतवाली में मुकदमा दर्ज हो चुका है।
चंद पैसों के विज्ञापन और व्यक्तिगत स्वार्थ में प्रकाशित यह ‘कोरोना पॉजिटिव को प्लाज्मा देगा खैर ट्रस्टी का परिवार’ खबर इसलिए भी हास्यास्पद है क्योंकि 30 अप्रैल के अंक में ही अमर उजाला ने पेज नंबर 10 पर ‘प्लाज्मा थेरेपी के क्लीनिकल ट्रायल की तैयारी में जुटा एम्स’ और ‘महाराष्ट्र में प्लाज्मा थेरेपी का पहला प्रयोग सफल’ शीर्षक से एम्स दिल्ली और पुणे के डॉक्टरों के हवाले से यह भी प्रकाशित किया है कि कोरोना से ठीक होकर लौटे पीड़ित के प्लाज्मा का कैसे उपयोग कर अन्य को बचाया जा सकता है।
फिलहाल बस्ती संस्करण में प्रकाशित खबर मौजूदा समय चिकित्सा जगत एवं पाठकों के बीच चर्चा का विषय है कि व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए कुछ भी प्रकाशित किया जा सकता है …!!!
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