इसे कहते है थूक कर चाटना… अगर रखना ही था तो हटाने का ड्रामा क्यों.. एए राव वेंकैया नायडू की इतनी मजबूरी क्यों हैं… कोरोना काल में आर्थिक संकट बता कर राज्यसभा टीवी के 37 मीडियाकर्मियों को सड़क पर लाने वाले राज्यसभा चेयरमैन और उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू का सूचना तंत्र राष्ट्रपति से कई गुना बड़ा हो गया है…
उनके हर आयोजन को लाइव करने के लिए चैनल है… उपराष्ट्रपति भवन में pib की अपनी मीडिया टीम है… राज्य सभा सचिवालय में सचिव के नियंत्रण में निदेशक के अधीन एक पूरी मीडिया यूनिट है… इतना बड़ा तंत्र pm के पास भी नहीं…
फिर एक विवादित अधिकारी को मीडिया एडवाइजर बनाने की जरूरत क्या… इन्हीं महोदय ने प्रेस क्लब आफ इंडिया के लिए ज़मीन के आवंटन को रुकवा दिया था…
देखें एए राव को उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू का मीडिया एडवाइजर बनाए जाने का आदेश….
ये देखें महीने भर पुराना एक प्रेस नोट जिसके जरिए बताया गया कि एए राव ने कांट्रैक्ट खत्म होने के बाद एक साल के एक्सटेंशन का आफर ठुकरा दिया…
Date: 05 September, 2020
PARLIAMENT OF INDIA, RAJYA SABHA SECRETARIAT
PRESS NOTE
Shri A.A.Rao was working as Additional Secretary in the Rajya Sabha Secretariat on contract basis up to 31st August, 2020. On being offered extension for another year as OSD in the status of Additional Secretary, Shri Rao has expressed his inability to accept the offer owing to personal reasons. Accordingly the contract of Shri Rao concluded on 31st August, 2020 and he relinquished the charge of office of Additional Secretary in the afternoon of the 31 August, 2020.
PAWAN KUMAR
DIRECTOR (MEDIA)
इस प्रकरण को लेकर उन दिनों कुछ वेबसाइटों में खबरें भी प्रकाशित हुईं थीं, देखें इसे-
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