Deepankar Patel : पहले आज तक ‘तेज’ डिसाइड करे कि इमरान की पूर्व बेगम को मोदी पसंद है या इमरान की बीवी को मोदी पसंद है. आज तक तेज इतना “तेज” है कि पूर्व बीवी,वर्तमान बीवी में क्या फर्क है कोई मतलब नहीं. बीवी को मोदी पसंद है इससे मतलब है. क्यों पसंद है इससे भी मतलब नहीं है. इमरान की पूर्व बीवी हैं रेहम खान. एक वीडियो जारी किया बोली, “आज मोदी सरकार को क्यों लोग चाहते हैं और क्यों उनसे रिश्ते खराब नहीं करना चाहते हैं, क्योंकि उनकी इकॉनमी स्ट्रांग हो गई है.”
साथ में रेहम ने अपने पूर्व पति को दूसरे देशों के पांव की जूती वगैरह बोल दिया. इमरान की बुराई करती रेहम खान को मालूम ही नहीं है कि भारत में पिछले तीन-चार सालों से इकोनॉमी का क्या हाल है. नौकरियों की क्या हालत है, रूपया कैसे लुढ़का पड़ा है, बैंकों का विलय करना पड़ रहा है, मेक इन इंडिया का बाजा बजा पड़ा है, फॉरेन इन्वेस्टर्स अपने पैसे खींच रहे हैं.
आदि काल से ही करीबी दुश्मनों को चिढ़ाने की एक घिसी पिटी टेकनिक है, दुश्मन के दुश्मन की तारीफ कर दो. रेहम यही टेक्निक रिपीट कर रही हैं. इस चक्कर में वो भारत का पिछले तीन साल की अर्थव्यवस्था का सामान्य ज्ञान भी भूल गयी.
लेकिन आज तक को क्या हो गया है? क्या आज तक ने ये बताया कि जिस वजह से रेहम ने मोदी की तारीफ की वो वजह ही झूठी है. लेकिन आज तक भी इमरान खा़न की पूर्व बेगम वाली हरकतें कर रहा है. झूठी तारीफ को पंसद बता दे रहा है. और, पसंद बता देने की जल्दी इतनी है कि बीवी का फर्क भी नहीं कर पा रहा.
युवा पत्रकार दीपांकर पटेल की एफबी वॉल से.