यूपी के गोरखपुर के जैतपुर-कैली मार्ग के गाडर और शाहिदाबाद के मध्य आमी नदी पर बने पुल का एप्रोच मार्ग लोकार्पण के 20 दिन के भीतर ही टूट गया. तकरीबन 16 करोड़ की लागत से यूपी राज्य सेतु निगम लिमिटेड ने जून में ही निर्माण पूरा किया था. उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने 30 जून को इसका ऑनलाइन लोकार्पण भी किया. एक पखवारे में ही पुल के निकट एप्रोच मार्ग पर बनी रेलिंग वॉल और पहुंच मार्ग की पटरी पूरी तरीके से क्षतिग्रस्त हो गई.
तकरीबन 106.88 मीटर लंबाई में पुल का निर्माण किया जाना था. 16 करोड में 6.50 करोड रुपए पुल के निर्माण पर खर्च हुए 9.50 करोड रुपए मार्ग अतिरिक्त पहुंच मार्ग और सुरक्षात्मक कार्य पर खर्च किए गए. 3 मार्च 2018 को पुल का निर्माण पूरा हो गया. लेकिन, पहुंच मार्ग का निर्माण भूमि अधिग्रहण में विलंब से फरवरी 2020 की डेडलाइन तक 44 फ़ीसदी ही हो सका.
लॉकडाउन से निर्माण कार्य बाधित रहा. 22 मार्च के बाद से काम शुरू कर सेतु निगम ने 6 जून तक एप्रोच मार्ग पूरा किया. आनन-फानन में डिप्टी सीएम से इसका ऑनलाइन उद्घाटन भी करा दिया. लेकिन उद्घाटन के महज एक पखवारा भी नहीं गुजरा कि मानसून की पहली दस्तक ने अधिकारियों से लगाए ठेकेदारों के काम की कलई खोल दी, और एप्रोच मार्ग पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया.
सहजनवां के बीजेपी विधायक शीतल पांडेय कहते हैं कि वे भ्रष्ट अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज कराएंगे. भाजपा की प्रदेश की सरकार में भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस का है. हम भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं. मुख्यमंत्री का सख्त निर्देश है कि निर्माण कार्य की गुणवत्ता में कोई कमी नहीं होनी चाहिए. पुल और एप्रोच मार्ग मजबूत बनना चाहिए. कोई इसमें गड़बड़ी करेगा, तो बख्शा नहीं जाएगा.
इलाके की जनता कह रही है कि 16 करोड़ की लागत से जिस पुल का डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने ऑनलाइन उद्घाटन किया, उस पुल का एप्रोच मार्ग जब महज एक पखवारे के बाद मानसून की दस्तक के साथ ही क्षतिग्रस्त हो गया तो समझा जा सकता है कि यूपी में चल रहे रामराज में विकास कार्य भी रामभरोसे ही हैं.