सत्येन्द्र कुमार-
सी एम सिटी का हाल… थ्री स्टार धरे रह गए…आरोपी को मिला थाना… शासन की मंशा है कि साफ सुथरी छवि वाले पुलिसकर्मी ही थानेदार बनाये जाएं । सी एम साहब भी बार बार यही समझा रहे है लेकिन यहाँ सुनने वाला है ही कौन । गोरखपुर में काबिल तीन स्टारधारियों की इतनी किल्लत हो चली है कि दाग के साथ समय काटने वाले टू स्टार धारी थानेदार बनाये जा रहे हैं ।
वर्तमान में सिकरीगंज थाने का प्रभार हासिल करने वाले वाले दरोगा जी पर बलात्कार और गैंगरेप के सिलसिलेवार आरोपी की मदद करने का आरोप वादिनी मुकदमा महिला द्वारा लगाए गए थे साथ ही पारिस्थितिक साक्ष्य महिला के आरोपो की पुष्टि भी कर रहे थे । बाद में आरोपी को फायदा पहुंचाने के जितने जतन दरोगा जी द्वारा किये गए थे उसकी भी पोल पट्टी खुली । दरोगा जी पर बलात्कार के आरोपी के साथ मिलकर आपराधिक साजिश करने का आरोप भी लगा जो वर्तमान में इलाहाबाद हाइकोर्ट में लंबित है ।
बावजूद इसके साहब भीमकाय पैरवी के बल पर थानेदार हो गए हैं सो मुबारकबाद देना तो बनता है ।
मुबारकबाद देने वाले फूल मालाओं से लाद रहे है लेकिन समझ नही पा रहे है कि बंदे ने इतना बड़ा तुक्का मारा कैसे ? आखिर कौन सी गोटी बिछाई..कौन सी फील्डिंग लगाई..किस दरबार मे चटाई बिछाई किसी को कुछ समझ नही आ रहा क्योंकि दरोगा जी किसी उत्कृष्ट कार्य के लिए अब तक सम्मानित तो हुए नही…किसी ददुआ टाइप को पकड़ा नही…कभी जान पर खेलकर छलांग लगाई नही…कभी मुठभेड़ में टांग पर गोली चलाई नही फिर ये थानेदारी वाली गुड बुक बनाई किसने और ये करिश्मा हुआ कैसे ?
दरोगा जी मे कैसी और कितनी काबिलियत है ये तो डिपार्टमेंट जाने लेकिन सेटिंग गेटिंग के मामले में उनकी काबिलियत के तो हम भी दीवाने हैं । इनका बस चलता तो अपनी पकड़ की बदौलत सीधे सी ओ की कुर्सी पर बैठ जाते लेकिन माननीय ने समझाया है कि ज्यादा उड़ो मत लू बहुत चल रही है ।
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