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उत्तर प्रदेश

शिक्षक से उठक-बैठक करवाना आपराधिक कृत्य, दुर्गा शक्ति के पति की मानवाधिकार आयोग को शिकायत

सामाजिक कार्यकर्ता डॉ नूतन ठाकुर ने आईएएस अफसर दुर्गा शक्ति नागपाल के पति अभिषेक सिंह द्वारा शिक्षक फौरन सिंह से उठक-बैठक करवाने को आपराधिक कृत्य बताते हुए इस सम्बन्ध में कार्यवाही किये जाने की मांग की है.

<p>सामाजिक कार्यकर्ता डॉ नूतन ठाकुर ने आईएएस अफसर दुर्गा शक्ति नागपाल के पति अभिषेक सिंह द्वारा शिक्षक फौरन सिंह से उठक-बैठक करवाने को आपराधिक कृत्य बताते हुए इस सम्बन्ध में कार्यवाही किये जाने की मांग की है.</p>

सामाजिक कार्यकर्ता डॉ नूतन ठाकुर ने आईएएस अफसर दुर्गा शक्ति नागपाल के पति अभिषेक सिंह द्वारा शिक्षक फौरन सिंह से उठक-बैठक करवाने को आपराधिक कृत्य बताते हुए इस सम्बन्ध में कार्यवाही किये जाने की मांग की है.

राष्ट्रीय मानावाधिकार आयोग को भेजी अपनी शिकायत में डॉ ठाकुर ने कहा है कि उन्होंने घटना की जानकारी प्राप्त होने पर फौरन सिंह और उनके पुत्र सचिन से फोन पर बात की. फौरन सिंह ने पूरी घटना को तस्दीक किया जबकि उनके पुत्र सचिन ने एक बुजुर्ग व्यक्ति के साथ हुए इस आचरण को अत्यंत निंदनीय बताया.

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प्रार्थनापत्र में कहा गया है कि अभिषेक सिंह का यह कृत्य अनुचित और अमानवीय होने के साथ आईपीसी की धारा 323 (स्वेच्छया उपहति कारित करना- 1 वर्ष कारावास), 341 (किसी व्यक्ति का सदोष अवरोध करना- 1 माह का सादा कारावास), 342 (किसी व्यक्ति का सदोष परिरोध- 1 वर्ष का कारावास), 506 (आपराधिक अभित्रास- 2 वर्ष का कारावास) के तहत अपराध भी है.

अतः मामले की जांच कराते हुए आवश्यक विधिक कार्यवाही किये जाने और फ़ौरन सिंह के मानवाधिकार उल्लंघन के सम्बन्ध में उन्हें अभिषेक सिंह से निजी व्यय तथा शासकीय स्तर पर समुचित मुआवजा दिलवाए जाने का निवेदन किया है.

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उन्होंने अभिषेक सिंह द्वारा पूर्व में कई सरकारी कर्मियों के साथ किये गए कदाचरण का उल्लेख करते हुए यूपी के मुख्यमंत्री से विभागीय कार्यवाही में इन सभी प्रकरणों को भी सम्मिलित करने हेतु पत्र प्रेषित किया है.

सेवा में,
      जस्टिस के जी बालाकृष्णन,
      अध्यक्ष,
      राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग,
      नयी दिल्ली 

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विषय- श्री अभिषेक सिंह, आईएएस, एसडीएम, महावन, मथुरा द्वारा मानवाधिकार हनन विषयक

महोदय,
      आज दिनांक 12/10/2014 को विभिन्न समाचारपत्रों में प्रकाशित खबरों के अनुसार तहसील महावन, जनपद मथुरा के एसडीएम श्री अभिषेक सिंह ने मामूली सी गलती पर एक 55 वर्ष के शिक्षक को अपने कमरे में बुलाकर मुर्गा बना दिया. समाचारों के अनुसार श्री अभिषेक ने पुलिस भेजकर दिनांक 08/10/2014 (बुधवार) को रात लगभग 09 बजे बल्देमव विकास खंड के पूर्व माध्यमिक विद्यालय जुगसना के सहायक अध्यापक श्री फौरन सिंह को घर से बुलाया. पहले तो एसडीएम ने उन्हें फटकार लगाई फिर कान पकड़ कर उठक-बैठक लगवाने के लिए बाध्य किया. ऐसा न करने पर उन्होंने उन्हें जेल भिजवाने की धमकी भी दी. समाचार के मुताबिक श्री फ़ौरन सिंह को मजबूरीवश साथ आए बेटे के सामने ही रोते-रोते उठक-बैठक लगानी पड़ी.

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समाचारों के अनुसार इसकी जानकारी मिलने पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने श्री अभिषेक सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. मैं श्री अखिलेश यादव के इस कदम की प्रशंसा करती हूँ और इसके साथ ही आपसे इस प्रकरण में कतिपय बिन्दुओं पर संज्ञान लेते हुए आवश्यक कार्यवाही कराये जाने का निवेदन भी करती हूँ. 

निवेदन करुँगी कि इस घटना की जानकारी प्राप्त होने पर मैंने जनपद मथुरा के विभिन्न महत्वपूर्ण समाचारपत्रों के जिम्मेदार लोगों से वार्ता की ताकि मुझे मामले की सही वस्तुस्थिति ज्ञात हो सके. मैंने जितने भी लोगों से वार्ता की सभी ने मुझे यही बताया कि मामला बिलकुल सही है और इस प्रकरण में श्री अभिषेक सिंह ने यह अमानवीय और घृणित कार्य किया है. इसके बाद मैंने स्वयं श्री फ़ौरन सिंह और उनके पुत्र श्री सचिन ने उनके मोबाइल नंबर 097190-46623 तथा 097190-46623 पर वार्ता की. श्री फ़ौरन सिंह ने बताया कि वे तहसील मुख्यालय से करीब 20-25 किलोमीटर दूर रहते हैं. जब उन्हें रात में एसडीएम के पास आने के आदेश मिले थे तो उन्होंने इस बात की असमर्थता बतायी थी क्योंकि उनके पास तहसील पहुँचने का कोई साधन नहीं था. इस पर तहसील की ओर से एक जीप भेजी गयी जिसपर वे और उनके पुत्र तहसील आये. उनके साथ दो शिक्षा मित्र भी थे. तहसील आ कर वे श्री अभिषेक सिंह से मिले. श्री सिंह ने पहले तो उन्हें इस बात के लिए भला-बुरा कहा कि वे स्वयं तहसील क्यों नहीं आये, आखिर वे कोई लाट साहब हैं जिसके लिए गाडी भेजी जायेगी. इस पर श्री फ़ौरन सिंह ने कहा कि वे इस समय रात में गाड़ी से आ पाने में असमर्थ थे क्योंकि अन्य बातों के अलावा उन्हें अब आँख से भी कम दिखता है. इसके बाद श्री सिंह ने उन्हें काफी डांटा-फटकारा और कान पकड़ कर उठ्ठक-बैठक करने को कहा. श्री फ़ौरन सिंह को अपने पुत्र और अन्य लोगों की मौजूदगी में ऐसा करते हुए बहुत ख़राब लगा और उन्होंने ऐसा नहीं करने कला अनुरोध किया पर श्री अभिषेक सिंह ने उन्हें पुलिस बुला कर जेल में डालने की धमकी दी जिसके बाद श्री फ़ौरन सिंह को डर के मारे कई लोगों के सामने उठ्ठक-बैठक करन पड़ा.

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इसके बाद रूम में मौजूद एक व्यक्ति, जिन्हें वे उस समय नहीं पहचानते थे और जिन्हें बाद में तहसीलदार बताया गया, ने उन्हें कमरे से बाहर चले जाने को कहा और वे बाहर आये. जब यह घटना शिक्षक संघ की जानकारी में आई तो लोगों ने विरोध किया. श्री फ़ौरन सिंह ने साफ़ कहा कि वे इस घटना से बहुत आहत हैं और इस प्रकार सार्वजनिक रूप से अपनी मर्यादा और प्रतिष्ठता के हनन से बहुत ही दुखी हैं.

श्री फ़ौरन सिंह के लड़के सचिन ने कहा कि यह सब उनकी मौजूदगी में हुआ. उन्होंने कहा कि इस प्रकार एक बुजुर्ग व्यक्ति के साथ आचरण अत्यंत ही निंदनीय है और किसी भी प्रकार से क्षमायोग्य नहीं कहा जा सकता. इसके अतिरिक्त मैं आपके सम्मुख एक समाचार “अफसर की हुकूमत में गुहार भी गुस्ताखी” की प्रति प्रेषित कर रही हूँ जिसमे श्री अभिषेक सिंह के इस कदाचरण के अतिरिक्त उनके छह माह पूर्व छाता तहसील में आरईएस के अधिशाषी अभियंता के साथ किये दुर्व्यवहार (कॉलर पकड़ कर तमाचा जड़ देना) तथा बरसाना में डीएम के साथ जाने पर रंग के छींटे पड़ने पर गेस्ट हाउस में बुला कर सफाई कर्मी को पीटने की घटना का भी उल्लेख है. उपरोक्त घटनाएँ इस बात का साक्षी हैं कि श्री अभिषेक संभवतः पूर्व में भी इस तरह के कदाचरण के आदी रहे हैं.

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निवेदन करुँगी कि अनुचित और अमानवीय कृत्य तथा एक व्यक्ति के मानव अधिकार के हनन होने के साथ श्री अभिषेक सिंह का यह कार्य एक आपराधिक कृत्य भी है. जैसा कि आप अवगत हैं यह भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 323 (स्वेच्छया उपहति कारित करना- 1 वर्ष कारावास), 341 (किसी व्यक्ति का सदोष अवरोध करना- 1 माह का सादा कारावास), 342 (किसी व्यक्ति का सदोष परिरोध- 1 वर्ष का कारावास), 506 (आपराधिक अभित्रास- 2 वर्ष का कारावास) के तहत अपराध है.
अतः निवेदन करुँगी कि इस मामले की उच्च-स्तरीय जांच कराते हुए इस प्रकरण में दोषी पाए जाने पर श्री अभिषेक सिंह के विरुद्ध समस्त आवश्यक विधिक तथा प्रशासनिक कार्यवाही कराये जाने की कृपा करें. साथ ही यह भी निवेदन करती हूँ कि श्री फ़ौरन सिंह के मानवाधिकार उल्लंघन तथा अमानवीय त्रासदी से गुजरने के सम्बन्ध में उन्हें श्री अभिषेक सिंह से निजी व्यय तथा शासकीय स्तर पर समुचित मुआवजा दिलवाए जाने की कृपा करें.

पत्रांक संख्या- NT/Comp/05/14 
दिनांक – 12/10/2014

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भवदीय,

(डॉ नूतन ठाकुर)
 5/426, विराम खंड,
गोमती नगर, लखनऊ

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सेवा में,
      श्री अखिलेश यादव,
      मुख्यमंत्री,
      उत्तर प्रदेश शासन,
      लखनऊ  

विषय- श्री अभिषेक सिंह, आईएएस, एसडीएम, महावन, मथुरा द्वारा किये गए कदाचरण विषयक

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महोदय,
      आज दिनांक 12/10/2014 को विभिन्न समाचारपत्रों में प्रकाशित खबरों के अनुसार तहसील महावन, जनपद मथुरा के एसडीएम श्री अभिषेक सिंह ने मामूली सी गलती पर एक 55 वर्ष के शिक्षक को अपने कमरे में बुलाकर मुर्गा बना दिया. समाचारों के अनुसार श्री अभिषेक ने पुलिस भेजकर दिनांक 08/10/2014 (बुधवार) को रात लगभग 09 बजे बल्देमव विकास खंड के पूर्व माध्यमिक विद्यालय जुगसना के सहायक अध्यापक श्री फौरन सिंह को घर से बुलाया. पहले तो एसडीएम ने उन्हें फटकार लगाई फिर कान पकड़ कर उठक-बैठक लगवाने के लिए बाध्य किया. ऐसा न करने पर उन्होंने उन्हें जेल भिजवाने की धमकी भी दी. समाचार के मुताबिक श्री फ़ौरन सिंह को मजबूरीवश साथ आए बेटे के सामने ही रोते-रोते उठक-बैठक लगानी पड़ी.

समाचारों के अनुसार इसकी जानकारी मिलने पर आपने श्री अभिषेक सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. मैं आपके इस कदम की भूरी-भूरी प्रशंसा करती हूँ और इसके साथ ही आपसे इस प्रकरण में कतिपय बिन्दुओं पर संज्ञान लेते हुए आवश्यक कार्यवाही कराये जाने का निवेदन भी करती हूँ. 

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इसके बाद रूम में मौजूद एक व्यक्ति, जिन्हें वे उस समय नहीं पहचानते थे और जिन्हें बाद में तहसीलदार बताया गया, ने उन्हें कमरे से बाहर चले जाने को कहा और वे बाहर आये. जब यह घटना शिक्षक संघ की जानकारी में आई तो लोगों ने विरोध किया. श्री फ़ौरन सिंह ने साफ़ कहा कि वे इस घटना से बहुत आहत हैं और इस प्रकार सार्वजनिक रूप से अपनी मर्यादा और प्रतिष्ठता के हनन से बहुत ही दुखी हैं. श्री फ़ौरन सिंह के लड़के सचिन ने कहा कि यह सब उनकी मौजूदगी में हुआ. उन्होंने कहा कि इस प्रकार एक बुजुर्ग व्यक्ति के साथ आचरण अत्यंत ही निंदनीय है और किसी भी प्रकार से क्षमायोग्य नहीं कहा जा सकता.

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इसके अतिरिक्त मैं आपके सम्मुख एक समाचार “अफसर की हुकूमत में गुहार भी गुस्ताखी” की प्रति प्रेषित कर रही हूँ जिसमे श्री अभिषेक सिंह के इस कदाचरण के अतिरिक्त उनके छह माह पूर्व छाता तहसील में आरईएस के अधिशाषी अभियंता के साथ किये दुर्व्यवहार (कॉलर पकड़ कर तमाचा जड़ देना) तथा बरसाना में डीएम के साथ जाने पर रंग के छींटे पड़ने पर गेस्ट हाउस में बुला कर सफाई कर्मी को पीटने की घटना का भी उल्लेख है. उपरोक्त घटनाएँ इस बात का साक्षी हैं कि श्री अभिषेक संभवतः पूर्व में भी इस तरह के कदाचरण के आदी रहे हैं.

अतः निवेदन करुँगी कि इस मामले की निलंबन के उपरांत प्रारंभ की गयी विभागीय कार्यवाही में उपोक्त सभी तथ्यों को भी सम्मिलित किये जाने हेतु आदेशित करने की कृपा करें ताकि श्री अभिषेक सिंह के विरुद्ध नियमानुसार समस्त आवश्यक विधिक तथा प्रशासनिक कार्यवाही किये जा सकें.

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पत्रांक संख्या- NT/Comp/06/14 
दिनांक – 12/10/2014

 भवदीय,

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(डॉ नूतन ठाकुर)
5/426, विराम खंड,
गोमती नगर, लखनऊ
# 94155-34525

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