पूरे विवाद की जड़ ये समझौता पत्र है. पत्र के अनुसार परिवार के बीच समझौता हुआ था जिसमें पीड़ित महिला को बेकरी की दुकान देने की बात हुई है. यह दुकान महिला की आजीविका से जुड़ी है. अगर यह दुकान महिला को मिल जाए तो सारा फसाद ही समाप्त हो सकता है, लेकिन पत्रकार पक्ष अब इस समझौते से पलट रहा है.. देखें समझौता पत्र..
मनीष दुबे-
यूपी के शामली में एक महिला को एबीपी न्यूज़ में कार्यरत उसके पत्रकार देवर व परिवारिक सदस्यों द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है. कल मंगलवार 13 फरवरी को पीड़िता की ख़बर भड़ास में प्रकाशित हुई थी. आज बुधवार सुबह पीड़िता का एक वीड़ियो भी भड़ास के आधिकारिक एक्स हैंडल पर शेयर किया गया था. जिसके बाद ट्वीट में हमारी ख़बर को फर्जी व पीड़िता को गलत बताया गया.
हमारे द्वारा ट्वीट किए गए वीडियो पर कई लोगों के कमेंट आए कि पीड़ित महिला पति की मौत के बाद मकान व दुकान पर कब्जा करना चाहती है. वो ड्रामा कर रही है. लेकिन एक वीडियो सामने आया जिसमें पत्रकार की मां पीड़िता को बीच सड़क कुर्सी मार रही है.
हमें बताया गया कि पत्रकार के पिता ने उसके बड़े भाई का इलाज कराया, उसने 12-15 लाख रूपये फूंके. लेकिन पीड़िता के पिता व उसके ही परिवार ने मृतक के इलाज का खर्च उठाया. इससे तो पत्रकार व उसके लोगों का ये दावा भी फेक निकला.
हम ये कतई नहीं चाहते की हमारी ख़बर या हमारे लिखे से किसी का नुकसान हो. हमारी किसी से कोई निजी दुश्मनी नहीं है. लेकिन समाज में हर किसी को अपनी संवेदनाएं जगाए जरूर रखनी चाहिए. किसी महिला के पति का देहांत हो जाना उसके लिए पूरे जीवन का सबसे बड़ा आघात होता है, लेकिन इसे जिले की थाना पुलिस में अपनी जरा बहुत पैठ, पहचान बना चुका पंकज प्रजापति शायद नहीं समझेगा?
पीड़िता के भाई रीतेश ने हमें बताया कि, ‘एबीपी का रिपोर्टर पंकज उससे भी कई बार बहाने बनाकर तमाम रूपया ले चुका है.’
पीड़िता के जीजा जोगिंदर कुमार ने भी हमसे कहा कि, ‘पीड़िता के पति के इलाज का 90 प्रतिशत पैसा उसके ही यानी पीड़ित महिला के परिवार ने खर्च किया है. जिसपर एबीपी न्यूज़ का पत्रकार अपनी पत्रकारिता की धौंस दिखाकर अत्याचार कर रहा है.’
इसके अलावा हमें कई लोगों ने कहा कि, ‘पत्रकार व उसके परिवार को अपना पति खो चुकी महिला को प्रताड़ित करने के लिए कड़ी से कड़ी सजा होनी, मिलनी चाहिए.’
पीड़िता के भाई ने बहन के पति के इलाज में खर्च हुए रूपयों का डिटेल हमें भेजा. उसने कहा कि, ‘उन्होंने सभी पेमेंट उनकी फर्म, वर्षा मशीनरी वर्क्स के माध्यम से की थी.’ जिसका बिल भी हमें भेजा गया.
नीचे देखें पीड़ित महिला को पत्रकार की मां द्वारा पीटने का वीडियो और इलाज के कागज…
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Ritesh kumar
February 14, 2024 at 10:44 pm
यह जितने भी लोग नकारात्मक कमेंट कर रहे हैं यह सब लोग खुद फर्जी है क्योंकि यह पंकज प्रजापति के खरीदे हुए दलाल पत्रकार है जैसे कि पंकज प्रजापति है खुद दलाल पत्रकार है| पीड़िता को न्याय मिलना चाहिए सीएम योगी आदित्यनाथ को इस मामले को संज्ञान में लेना चाहिए |