गिरधारी लाल गोयल-
कोई कॉरपोरेट किसी बैंक द्वारा 27770 करोड़ रुपये के लोन की स्वीकृति तुरन्त पा जाता है ताकि वह एशिया का सबसे बड़ा आदमी बन सके।
लेकिन कोई खोमचेवाला या परचून दुकानदार 27770 रुपिये मुद्रा लोन लेले तो उसका खाता 3 EMI पर ही NPA हो जाता है और वो तो क्या उसके परिजन तक को हजार रुपिये तक का बैंक लोन नहीं मिल पाता है।
एक मोबाइल की EMI टूटने ओर उसका सिविल स्कोर किस कदर बिगड़ जाता है। क्रेडिट कार्ड का प्रयोग करने वालों की हालत कितनी दयनीय हो जाती है जबकि वो कोई छोटा सा मुद्रा लोन लेने जाता है लेकिन नियम के विरुद्ध जाकर बैंक का लोन ऑफिसर सिविल स्कोर का बहाना लेकर उस ऋणार्थी की कितनी हालत खराब कर देता है।
आप किसी के व्हीकल लोन में कोई गारंटी लगा देता है तब लोन की EMI टूटने पर गारंटर का सिविल स्कोर किस कदर बिगड़ जाता है कि करोड़पति गारंटर को भी एक हजार का लोन नहीं मिल पाता। धोखे से चेक डिसऑनर होने पर बिगड़ी सिबिल से भी यही हश्र होता है।
2020 के मोरोटोरियम में शर्त थी कि 29 फरवरी को जिसका खाता NPA होगा उसको मोरोटोरियम की CEGLS वाली सुविधा नहीं मिलेगी।
एक परिचित व्यापारी की फर्म जिसका की शानदार रिपेमेंट का रिकॉर्ड है लेकिन स्टॉक स्टेटमेंट ना दिए जाने के कारण कम्बख्ती से ठीक 29 फरवरी को ही मात्र 5-6 घण्टे NPA रहा लेकिन बैंक वालों ने 2022 की संशोधित स्कीम में भी CEGLS की सुविधा नहीं दी।
एक दूसरे परिचित का 6 करोड़ का टर्नओवर एक करोड़ की प्रॉपर्टी होते हुए भी ब्रांच द्वारा उसकी 40 लाख की CC लिमिट को 90 लाख किये जाने का प्रस्ताव इसलिए खारिज कर दिया कि प्रोपर्टी कागजों में ज्यादा थी लेकिन वेल्युअर ने कम हिस्से की वैल्यूएशन की थी।
CGTMSME की सुविधा देने में तो बैंक वाले ये समझते हैं मानो CGT FUND उनके पूर्वजों द्वारा उनके नाम की गई सम्पत्ती है।
महामारी काल में घर का कोई सदस्य बीमार तो किसी के घर में डैड बॉडी पड़ी थी लेकिन निजी क्षेत्र की बैंक की EMI क्लियर नहीं हुई तो सिविल स्कोर ऐसा डाउन हुआ कि किसी बैंक ने उसको आगे के लिए लोन ही नहीं दिया।
Narendra Modi जी Nirmala Sitharaman जी!
आखिर ये कैसी दोहरी व्यवस्था है जहां व्यक्ति दो टाइम की रोटी कपड़े मकान के लिए संघर्ष रत है उसको आपकी बैंक जीने नहीं देतीं और कुछ लोग हैं जो कि आपके निजी मित्रों में आते हैं वे बैंकों से उधार मार मार कर भी यूँ ही उड़े चले जा रहे हैं।
शीतल पी सिंह-
सौ बिलियन+ डालर की हैसियत वाले दुनिया के रईसों में गौतम अडानी मुकेश अंबानी को पछाड़ कर पहले पहुंचे। एलन मस्क और जेफ बेज़ोस के बाद वे दुनिया के तीसरे ऐसे रईस बने।
इसी दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था ने इस तिमाही में साल का सबसे बुरा प्रदर्शन किया है और देश की आर्थिक रेटिंग पुनः नकारात्मक संशोधन में आकलित की जा रही है।
अनुमान है कि मुफ्त राशन योजना में दस करोड़ लोगों की नई वृद्धि दरकार है, फिलहाल अस्सी करोड़ लोग इस दायरे में हैं। यानि कुल एक सौ तीस करोड़ भारतवासियों में से नब्बे करोड़ लोगों को अगर मुफ़्त भोजन की मदद न मिले तो वे मौत के मुंह के पास पहुंच सकते हैं, ऐसा नीति आयोग का निष्कर्ष है!
इसी असमान विकास पर आक्सफैम ने उंगली रक्खी है जिससे हमारा ब्रम्हांड का सबसे बड़ा प्रचार तंत्र बिलबिलाया हुआ है।
विजय शंकर सिंह-
गिरोहबंद पूंजीवाद… 80 करोड़ लोग लिखा पढ़ी में 5 किलो राशन पर जी खा रहे हैं। लोगो की आमदनी पिछले तीन सालों से या तो घट गई है या महंगाई की तुलना में बेहद कम बढ़ी है। पर एक आदमी ऐसा है जिसकी आय, मुनाफा और संपत्ति पिछले 8 सालों में दिन दूनी रात चौगुनी गति से बढ़ रहा है।
अभी तक मुकेश अंबानी का नाम एशिया के सबसे रईस आदमी की सूची में था, लेकिन अब गौतम अडानी ने उन्हें पीछे छोड़ दिया है. दुनिया के टॉप 10 अमीर लोगों में भी अडानी का नाम जुड़ गया है।
ब्लूमबर्ग बिलियनायर्स इंडेक्स के लेटेस्ट आकंड़ों के मुताबिक, अडानी समूह के मुखिया गौतम अडानी की कुल संपत्ति 100 अरब डॉलर के पार रहो गई है. अडानी एलन मस्क और जेफ बेजोस के साथ इस क्लब में शामिल हो गए हैं और अंबानी को पीछे छोड़ दिया है।
आखिर सरकार की यह कौन सी आर्थिक नीति है कि,
● आम जनता की कमाई घट रही है,
● सरकार पेट्रोल डीजल पर टैक्स बढ़ा कर अपना खर्च निकाल रही है,
● बेरोजगारी बढ़ती जा रही है,
● बैंक सहित देश की सारी कंपनियां बिकने के कगार पर हैं, सरकार पूरा कृषि सेक्टर अड़ानी ग्रुप को सौंप देने के जुगत में है ?