किसान आंदोलन से निपटने में लाचार भक्त और आईटी सेल वाले अब उन पत्रकारों को बदनाम करने में लगे हैं जो दिन रात आंदोलित किसानों के बीच जाकर पूरे मामले को असली तस्वीर दुनिया को दिखा रहे हैं. वरिष्ठ पत्रकार और संपादक अजीत अंजुम अपने यूट्यूब व फेसबुक चैनलों पर किसान आंदोलन की लगातार ग्राउंड रिपोर्टिंग कर रहे हैं. उनके वीडियोज, इंटरव्यूज लाखों के व्यूज पाते हैं.
गोदी मीडिया वाले न्यूज चैनल और अखबार तो सरकार के दलाल बनकर किसानों को ही लांछित कर रहे हैं. ऐसे में डिजिटल मीडिया के लोग किसान आंदोलन की सच्ची तस्वीर जनता को दिखा रहे हैं. ऐसे में सरकारी भक्त और भाजपाई आईटी सेल के लोग अब डिजिटल जर्नलिस्ट्स के पीछे पड़े हैं. वे कोशिश कर रहे हैं कि ग्राउंड रिपोर्टिंग करने वाले आजाद पत्रकारों को डरा दिया जाए जिससे वे चुपचाप घर बैठ जाएं. पर ऐसा होने वाला नहीं है.
अपने उपर हमले की झूठी खबर फैलाए जाने पर अजीत अंजुम ने कई ट्वीट कर पूरे मामले पर अपना पक्ष रखा और असली कहानी बताई….
Ajit Anjum @ajitanjum
कुछ लोग गलत जानकारी के साथ ये वीडियो वायरल कर रहे हैं. किसी फोटोग्राफर के साथ किसी बात पर कुछ लड़कों की बहस हुई. फिर झगड़े जैसी नौबत देख मैं और मेरे जैसे कई लोग भागकर बीच बचाव करने पहुंचे. उसी वक्त का ये वीडियो है.
अभी भी मैं उसी जगह पर हूं जहाँ अमर उजाला के फोटोग्राफर के साथ किसी ने बदसलूकी की. मैंने और कुछ लोगों ने बीचबचाव करके उन्हें अलग किया. IT सेल वाले और भक्त समाज के लोग खुश होकर छाती पीट रहे हैं. मुबारक .
फर्जी जानकारी को वायरल करने वाला तंत्र अब भी लगा है. फिर कह रहा हूं मेरे साथ किसी ने कोई धक्कामुक्की नहीं की. न किसी से झगड़ा हुआ. हमने बीच-बचाव करके उन्हें अलग किया ,जो किसी बात पर एक फोटोग्राफर से उलझे थे. ये उन सबकी सूचना के लिए है, जो लगातार फोन कर रहे हैं.
अब कुछ भक्तों के फेक पोस्ट्स-ट्वीट देखें-