Yashwant Singh-
पंजाब की जंता को खालिस्तानी कहकर गरियाने-लिखने वाले अजित सिंह पहलवान की गालीबाजी उनके ही पिछवाड़े घुसेड़ दी किसानों ने। फट के हाथ में आ गई तो माफी मांगनी पड़ी है बेचारे को। माफीनामे का वीडियो डालने के बाद ये किसान आंदोलन को गरियाने वाली पोस्ट लिखना पूरी तरह बन्द कर चुका है। अपना थूका चाटने के बाद ये पहलवान अपने मंदबुद्धि फॉलोवर्स को यूट्यूब पर अपना चैनल सब्सक्राइब करवा रहा है और उस चैनल पर डाले गए तनाव भगाने के नुस्खे वाला वीडियो दिखवा रहा है।
पैजामे से बाहर निकलने वाले तलछटों को औकात में आते देर न लगती है।
पंजाब में रहते हुए यह विवादित पहलवान दम्पति वहां के किसानों का नमक खाकर उन्हीं को गरियाता है। ऐसे नमकहराम लोग मोदीभक्ति में मूलभूत मानवीय मूल्यों और संवेदनाओं को भी दरकिनार कर जाते हैं। कोई सच्चा पंजाबी अगर इनकी गालीबाजी दिल पर ले गया तो ये भक्त दम्पति पंजाब में न रह पाएगा! माफी मांगने को मजबूर होना तो बस शुरुआत भर है।
देखें Video –
भड़ास एडिटर यशवंत सिंह की एफबी वॉल से.
पहलवान अजित को लेकर कुछ एफबी पोस्ट्स देखें-
इस मुद्दे पर पहलवान अजित सिंह के काफी करीबी रहे गिरधारी लाल गोयल की टिप्पणी पढ़ें-
अजीत सिंह के साथ हुया इसमें उसका कोई मान अपमान नहीं है. सार्वजनिक जीवन में सार्वजनिक मुद्दों पर हर मान अपमान व्यक्तिशः ना होकर सम्बंधित समाज वर्ग या उससे कहीं ज्यादा व्यक्ति के आभामंडल का होता है लेकिन अजीतसिंह का आभामंडल ! कमाल का आभामंडल था अजीत सिंह का तो… 5 पांडव जैसी पर्सनल मित्रमण्डली …एक से बढ़ कर एक कूटनीति वाज.. अच्छे अच्छों का मखौल उड़ा कर टोपी उछालने वाले गालीबाज अंडे (अंडा नाम यहीं से इन्हीं के लिए निकला है)
अपने को मीरा बाई कहती हुई चाहे जिसको तंज व्यंग्य गलियों से विभूषित करने का कार्य निरन्तर करते रहने वाली गुजरात से कानपुर तक फैली हुई वरांगनायें, मुस्लिम नाम की नकली ID चलाने वाला गैंग , राष्ट्रीय लेवल के हिन्दू श्रेष्ठ और रवीश को धूल चटाने वाले पत्रकार, मोदीजी के विरुद्ध एक शब्द भी लिखने वाले को तुरन्त ब्लॉक करने वाले बड़े बड़े सो कॉल्ड प्रबुद्ध और सुसंकृत विद्वान, हिन्दू विरोधियों के लिए हर समय “मार दो काट दो….” जैसी गर्जना करते रहने वाले लेखक, एक आवाज पर ही “आह दद्दा वाह दद्दा उह दद्दा ….” की सामूहिक स्वर लहरी के साथ देश के किसी भी हिस्से के लोगों को देशद्रोही का सर्टिफिकेट इश्यू कर देने वाले हजारों गोटी छर्रे
कुल मिला कर ऐसा प्रभावशाली आभामंडल है अजित सिंह का, बहुत बड़ी पूंजी है, सॉरी …. थी, अजित सिंह के पास लेकिन कल जब नितांत राष्ट्रीय मुद्दे पर अजित सिंह फंसे तो लगा सम्पूर्ण आभामंडल ही अजित सिंह के वीडियो रिलीज होने के साथ ही भक्क करके अस्त हो गया… Ajit Singh के पेज पर गुरुमुखी और नागरी में कितने लोग गालियां और धमकियां लिख रहे थे बोलिये ! आभामंडल से एक बुझी सी भी चिंगारी ने उनका प्रतिवाद किया, ट्रेंड से ट्वीटर लूट कर नरेटिव बनाने का घमंड करने वाले किसी ने भी कोई ट्वीट मोदी जी अमित शाह जी को टैग करके किया, फेसबुक पर कुछ पोस्ट्स दिखीं, लेकिन वो सारी पोस्ट्स अजीत सिंह विरोधी लोगों की थीं जो जिनके मन में कि अजित सिंह के प्रति सिमपेथी और खलिस्तानियों के प्रति आक्रोश उतपन्न हुया था।
धिक्कार और थू है अजीत सिंह के इस मिट्टी साबित हुए आभामंडल पर… अजित सिंह तो लेखक है, उसकी रग रग और उंगलियों में वो चमत्कार है कि उसके लेखन से सम्पूर्ण राइटिस्ट फेसबुकिया जगत इस घटना को भूल जाएंगे लेकिन इस आभामंडल की नपुंसकता एक गोदने की तरह इन सबके माथे पर गुद चुकी है- “हम सब फेसबुक के कागजी गीदड़ हैं”.
अजित सिंह के माफीनामे के वीडियो के नीचे आए ढेरों कमेंट्स में से कुछ एक के स्क्रीनशाट्स देखें-