होर्डिंग प्रकरण में जिस तरह से हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन मानते हुए होर्डिंग हटाने का निर्णय दिया है, वह राहत भरा है। इस फैसले के बाद योगी सरकार को इस्तीफा देना चाहिए और आरएसएस-भाजपा के लोगों को प्रदेश की जनता से माफी मांगनी चाहिए। यह प्रतिक्रिया लोकतंत्र बचाओ अभियान के संयोजक अखिलेन्द्र प्रताप सिंह ने प्रेस को दी।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में योगी राज में सामान्य लोकतांत्रिक गतिविधियों की भी इजाजत नहीं दी जा रही है। चौरी चौरा से चली ‘नागरिक सत्याग्रह पदयात्रा’ को पहले गाजीपुर में रोककर पदयात्रियों को जेल भेजा गया और अब उन्हें फिर से गिरफ्तार कर फतेहपुर की जेल में बंद किया हुआ है।
ऐतिहासिक गंगा प्रसाद मेमोरियल हाल में आयोजित सम्मेलन को करने की अनुमति रद्द कर दी गयी। होर्डिंग लगाकर दारापुरी समेत सभी लोगों के जीवन को खतरे में डाल दिया गया। पूरे प्रदेश में सरकार लोकतंत्र की हत्या करने पर आमादा है। इस सरकार के लिए संविधान और कानून के कोई मायने नहीं है।
हाईकोर्ट के निर्णय से यह प्रमाणित हुआ है कि यह सरकार कानून से ऊपर उठकर काम कर रही है। अभी भी सरकार आसानी से इस फैसले को स्वीकार नहीं करने जा रही और वह इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जा सकती है और आंदोलन को समाप्त करने व सामाजिक राजनीतिक कार्यकर्ताओं को बदनाम करने की हर सम्भव कोशिश करेगी।
इसलिए जनता को यह समझना होगा कि यह आरएसएस-भाजपा के तानाशाही थोपने और लोकतंत्र को समाप्त करने के समग्र प्रोजेक्ट का हिस्सा है। जन संवाद, तानाशाही का हर स्तर पर प्रतिवाद और लोकतंत्र की रक्षा ही इसका जवाब है जिसके लिए जनता को खड़ा होना होगा। 29 मार्च को इसी उद्देश्य से लखनऊ में पूरे प्रदेश के हर जिले के प्रतिनिधियों की बैठक बुलाई गयी है जिसमें रणनीति तय की जायेगी।
दिनकर कपूर
लोकतंत्र बचाओ अभियान
One comment on “हाईकोर्ट का फैसला राहतभरा, योगी सरकार इस्तीफा दे : अखिलेन्द्र”
देश में तोड़ फोड़, आगजनी, उपद्रव करने वालों को राजनीतिक सामाजिक कार्यकर्ता बताना दुराग्रह पूर्ण है उत्पात करने वालों कि हिमायत करना दुष्टता पूर्ण है। हाई कोर्ट के आदेश को ऐसे पेश किया जा रहा है जैसे हाई कोर्ट ने लोकतंत्र के नाम पर हिंसा व आगजनी की छूट दे दी हो, जैसे हाई कोर्ट ने उपद्रवियों को दोषमुक्त बोल दिया हो, ऐसे नामालुम लोगों के बयानों को प्रकाशित करके आप भड़ास वाले खुद के दुराग्रह को भी छिपा नहीं पा रहे हैं ।