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अक्षत दत्त जोशी ने ‘के न्यूज’ से इस्तीफा दिया, अशोक ने ‘कशिश न्यूज’ से रिजाइन किया

लखनऊ के अपराध संवाददाता अक्षत दत्त जोशी ने ‘के न्यूज़’ चैनल से इस्तफा दे दिया है। तक़रीबन साल भर से ‘के न्यूज़’ में अक्षत प्रदेश के अपराध संवाददाता के तौर पर काम कर रहे थे। निजी कारणों के चलते 6 जनवरी को इस्तफा दे दिया। के न्यूज़ को टीआरपी रैंक की श्रेणी में लाने के साथ साथ नयी पहचान दिलाने में तत्कालीन ब्यूरो चीफ संजय राजन (जो मौजूद समय में इंडिया वाच न्यूज़ चैनल में बतौर संपादक कार्यरत हैं) और अक्षत दत्त जोशी का बड़ा श्रेय रहा है। फ़िलहाल अक्षत ने अभी कोई चैनल ज्वाइन नहीं किया है। जल्द नए संसथान में अपने पुराने कलेवर के साथ वापसी करेंगे।

<script async src="//pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js"></script> <script> (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({ google_ad_client: "ca-pub-7095147807319647", enable_page_level_ads: true }); </script><p>लखनऊ के अपराध संवाददाता अक्षत दत्त जोशी ने 'के न्यूज़' चैनल से इस्तफा दे दिया है। तक़रीबन साल भर से 'के न्यूज़' में अक्षत प्रदेश के अपराध संवाददाता के तौर पर काम कर रहे थे। निजी कारणों के चलते 6 जनवरी को इस्तफा दे दिया। के न्यूज़ को टीआरपी रैंक की श्रेणी में लाने के साथ साथ नयी पहचान दिलाने में तत्कालीन ब्यूरो चीफ संजय राजन (जो मौजूद समय में इंडिया वाच न्यूज़ चैनल में बतौर संपादक कार्यरत हैं) और अक्षत दत्त जोशी का बड़ा श्रेय रहा है। फ़िलहाल अक्षत ने अभी कोई चैनल ज्वाइन नहीं किया है। जल्द नए संसथान में अपने पुराने कलेवर के साथ वापसी करेंगे।</p>

लखनऊ के अपराध संवाददाता अक्षत दत्त जोशी ने ‘के न्यूज़’ चैनल से इस्तफा दे दिया है। तक़रीबन साल भर से ‘के न्यूज़’ में अक्षत प्रदेश के अपराध संवाददाता के तौर पर काम कर रहे थे। निजी कारणों के चलते 6 जनवरी को इस्तफा दे दिया। के न्यूज़ को टीआरपी रैंक की श्रेणी में लाने के साथ साथ नयी पहचान दिलाने में तत्कालीन ब्यूरो चीफ संजय राजन (जो मौजूद समय में इंडिया वाच न्यूज़ चैनल में बतौर संपादक कार्यरत हैं) और अक्षत दत्त जोशी का बड़ा श्रेय रहा है। फ़िलहाल अक्षत ने अभी कोई चैनल ज्वाइन नहीं किया है। जल्द नए संसथान में अपने पुराने कलेवर के साथ वापसी करेंगे।

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इस बीच सूचना है कि कशिश न्यूज के कैमूर संवाददाता अशोक ने चैनल से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने प्रबंधन को जो पत्र भेजा है, वह इस प्रकार है….

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सेवा में,
श्रीमान चैनल हेड
कशिश  न्यूज़        
बिहार/झारखण्ड
विषय : खबरों को नहीं चलाए जाने और बेवजह प्रताड़ित करने के सम्बन्ध में।
महाशय,

निवेदन पूर्वक कहना है कि मैं कशिश न्यूज़ के लिए कैमूर से काम करता हूं। मैं etv समेत किसी भी चैनल से पहले खबरों को ब्रेक करने का प्रयास करते रहता हूं। लेकिन पटना कार्यालय में बैठे संतोष सिंह, जो अपने आप को बाहूबली बिहार स्टेट कहते हैं, दूसरों के कहने पर खबर रोक देते हैं और कहते हैं कि तुम मुख्यमंत्री हो क्या कि हर खबर चलेगी। साथ ही अपशब्दों का इस्तेमाल भी करते हैं। यह देखने पर लगता है कि मैंने खबर भेजकर गलती कर दी है। जबकि कैमूर में मैंने अपने बल पर कई जगह केबल ऑपरेटरों द्वारा बन्द चैनल को चालू करवाया। यहां तक कि जंगलों में जाकर जनसमस्याओं को उठाकर trp बढ़ाया।

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कैमूर में 02 जनवरी को डीपीएम और सीएस ने किसी बात को लेकर एक एएनएम को डांट दिया और इसी क्रम में वो बेहोश होकर जमीन पर गिर गई, जिससे उसे ब्रेन हेमरेज हो गया। आनन फानन में उसे वाराणसी ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे गम्भीर अवस्था में पीजीआई लखनऊ रेफर कर दिया। कुछ घण्टे बाद उसकी मौत हो गई। उसकी सहकर्मी एएनएम ने आरोप लगाते हुए बाइट दिया था कि दोनों अधिकारियो के डांटने से मौत हुई है। लेकिन संतोष सिंह जी मानने को तैयार नहीं हुए। बल्कि उनका कहना था कि इस केस में एफआईआर होगा तब खबर चलेगी। सर, आप आप स्वयं इस बाइट को सुन कर सत्यता परख सकते हैं जो ग्रुप में है। मुझे बाद में पता चला कि कुछ रकम लेकर संतोष सिंह जी ऐसे शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं। सर, मैं जानना चाहता हूं कि हत्या होने की खबर तुरंत क्यों चलती है जबकि एफआईआर एक या दो दिनों बाद होता है! मैं यह भी जानना चाहता हूं कि क्या ऐसे लोगों को चैनल में रहना चाहिए, जो चन्द पैसे के लोभ में अपने रिपोर्टरों को झूठा साबित करने में लग जाते हैं! आजतक इन्होंने मुझे बतौर पारिश्रमिक  एक रुपए भी नहीं दिए, जबकि दो सालों से काम कर रहा हूं।

इसलिए मैं बड़े दुख के साथ इस चैनल को अलविदा कहने को मजबूर हो रहा हूं। निवेदन है कि आपलोग न्यायोचित समझें तो मेरा बकाया मेहनताना मुझे देने की कृपा करें।

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आपका
अशोक 
कैमूर
मो. 7004978750

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