वी शुक्ला-
अमर उजाला की एक खबर पर गोरखपुर में बवाल मचा हुआ है। महाबीर छपरा प्रतिनिधि प्रमोद चौरसिया की डेटलाइन से छपी खबर को संबंधित ग्राम प्रधान ने फर्जी बताते हुए कार्रवाई की चेतावनी दे डाली है।
दरअसल इस खबर में जंगल दीर्घन सिंह गांव के एक बुजुर्ग को सरकारी सुविधाओं से वंचित बताया गया है और ग्राम प्रधान का कोट भी नहीं लिया गया। खबर छपने के बाद ग्राम प्रधान विवेक शाही और उनके परिजनों ने फेसबुक के जरिये इस खबर पर सवाल उठाते हुए अपने पक्ष में कई साक्ष्य दिए हैं कि बुजुर्ग को आवास, शौचालय समेत अन्य सुविधाएं मिली हुई हैं।
…और अखबार बांटने अखबार बेचने लगे
गोरखपुर में अमर उजाला ने खुद बंदर के हाथ में उस्तरा थमा दिया है और उसका नतीजा यह कि पूरी पत्रकार बिरादरी को दलाल, बिकाऊ और इस तरह के तमाम तमगों से नवाजा जा रहा है।
हुआ यूं कि मौजूदा संपादक को मालिकान ने संपादकीय के साथ प्रसार और विज्ञापन विभाग का भी जिम्मा दे दिया। फिर क्या था संपादक जी ने भी अपना रणकौशल दिखाते हुए ग्रामीण इलाकों के अखबार वितरकों को संवाददाता बना दिया। लालच यह कि खबर भी मिलेगी और प्रसार भी बढ़ेगा।