अमर उजाला कानपुर से बीते महीनों में चार कर्मचारियों ने इस्तीफा देकर दूसरे संस्थानों में ज्वाइन कर लिया है। इसके अलावा डेस्क और रिपोर्टिंग से अभी कई और लोग जाने की तैयारी में है। इस्तीफा देने वालों की बात करें तो खेल और कल्चरल बीट में बेहतर पकड़ रखने वाले पुलकित तिवारी ने जनवरी अंत में इस्तीफा देकर जी मीडिया ज्वाइन कर लिया।
उसके बाद संपादक की फटकार से तंग आकर कानपुर साउथ में अमर उजाला की पहचान कहे जाने वाले महेश प्रताप सिंह ने भी इस्तीफा दे दिया।
मार्च मध्य में दिव्यांश सिंह जिनकी खबरें अमर उजाला के कैंपस पेज पर छाई रहती थी, उन्होंने इस्तीफा देकर कानपुर में ही दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के साथ नई पारी शुरू की है।
अपकंट्री डेस्क से संजय पांडेय ने अमर उजाला से अपनी पारी को समाप्त करके दैनिक जागरण कानपुर में नई पारी शुरू की है। अभी तो यह बानगी भर है डेस्क और रिपोर्टिंग टीम से अभी लगभग तीन से चार लोग और इस्तीफा देने वाले हैं।
अमर उजाला में काम कर रहे संवाद न्यूज़ एजेंसी के कर्मठ पत्रकारों को अमर उजाला में स्टाफर ना बनाया जाना भी इस्तीफे का प्रमुख कारण है। इसके अलावा स्टाफ की कमी से एक वर्कर पर दो से तीन वर्कर का लोड भी यहां के लोगों को परेशान कर रहा है।
अमर उजाला कानपुर से लगभग 2 साल पहले इस्तीफा देकर ऐश्वर्या द्विवेदी के जाने के बाद संस्थान को कोई फीमेल रिपोर्टर भी नहीं मिल रही है। यहां इस्तीफों की झड़ी लगने के बाद से कईयों को वीक ऑफ मिलना बंद हो गया है।
एक पत्रकार द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.