सीजेएम कोर्ट लखनऊ ने अमिताभ ठाकुर तथा नूतन ठाकुर पर पुलिस पर हमला करने के मामले में दायर मुकदमे में अग्रिम विवेचना किये जाने के आदेश देने से इंकार कर दिया है.
अमिताभ ने कोर्ट को दिए प्रार्थनापत्र में कहा था कि थाना गोमतीनगर में उनके तथा नूतन के खिलाफ दर्ज मुक़दमा पूरी तरह झूठा और फर्जी है, जो पुलिस ने उन्हें प्रताड़ित करने को दर्ज करवाया. उन्होंने कहा कि पुलिस ने विवेचना के दौरान उनके किसी भी साक्ष्य को नहीं लिया और पूरी तरह एकपक्षीय विवेचना कर आरोपपत्र न्यायालय प्रेषित कर दिया. उन्होंने कहा कि उनके पास इस मुकदमे से संबंधित विडियो रिकॉर्डिंग सहित तमाम मौखिक एवं अभिलेखीय साक्ष्य हैं जो यह साबित कर देते हैं कि मुक़दमा फर्जी है.
अभियोजन पक्ष ने इसका कड़ा विरोध करते हुए कहा कि अमिताभ का प्रार्थनापत्र बलहीन है. मामले में पूर्व में ही आरोपपत्र भेजा जा चुका है, जिसपर कोर्ट द्वारा संज्ञान भी लिया जा चुका है. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के क्रम में अग्रिम विवेचना का कोई औचित्य नहीं है.
सीजेएम रवि कुमार गुप्ता ने अपने आदेश में कहा कि चुन्मी मामले में विवेचना समाप्त हो गयी है और कोर्ट द्वारा मामले का संज्ञान लिया जा चुका है, अतः इस मामले में अब अग्रिम विवेचना कराया जाना विधिसम्मत नहीं होगा.
अतः उन्होंने अमिताभ के प्रार्थनापत्र को बलहीन बताते हुए उसे ख़ारिज कर दिया.