ऑडियो ध्यान से सुनिए …ये कोई पत्रकार साहब शैलेंद्र गुप्ता हैं जो खुद को डीएम, एसपी, एडीएम और कई एसडीएम, तहसीलदार के बड़े करीबी बताते हैं। पत्रकार साहब किसी से बात कर रहे हैं जिसमें कह रहे हैं कि कल गोदाम खुलेगा लेकिन उससे पहले सरकारी राशन के बोरों को हटा देना। कसया तहसीलदार से बात हो गई है मैं जो कहूंगा वही होगा। एसडीएम भी नहीं जाएंगे,लेकिन उसके पहले आप मुझसे मिल लीजिएगा। कल व्यवस्थित हो कर आइएगा।
ज्ञात हो कि एक गाजा तस्कर से संबंधों को लेकर कुछ दिन पहले जिले के नेबुआ नौरंगिया पुलिस ने इन्हें पूछताछ के लिए बुलाया था लेकिन किसी तरह से मामला रफादफा करा लिया.
उल्लेखनीय है कि सरकारी अनाज के माफिया देवरिया, बलिया, बेल्थरा कुशीनगर, गोरखपुर सहित कई जिलों में सक्रिय हैं। यहां तक कि कुछ सरकारी अनाज के माफिया नगर पालिका नगर पंचायत में भाजपा से चेयरमैन भी हैं। इनके यहां सैकड़ों बोरा सरकारी अनाज है। सरकारी अनाज के एक बड़े अधिकारी जिसका देवरिया में मैरिज हाल है, वह भी सरकारी अनाज के माफियाओ का बिजनेस पार्टनर है। योगी सरकार का बुलडोजर सरकारी अनाज के कोटेदार माफियाओं पर कब चलेगा।
सरकारी अनाज के कोटेदार जो गरीबों के अनाज की तस्करी करते हैं, वे आज खुद को भाजपा और संघ का बताते हैं, यहां तक कह देते हैं कि उन्होंने सरस्वती शिशु मंदिर में पढ़ाई की है और उनके बाप दादा भाजपा और संघ के कार्यकर्ता रहे हैं. परंतु जनता जानती है कि सरकारी अनाज के माफियाओं की कोई पार्टी नहीं है. जब प्रदेश में बसपा की सरकार थी तो यह माफिया बसपा का प्रचार कर रहे थे. जब उत्तर प्रदेश में सपा की सरकार रही तो सपा का प्रचार कर रहे थे. इनके दरवाजे पर सपा बसपा के जनता द्वारा चुने गए जनप्रतिनिधियों का दरबार लगता था. आज जब भाजपा की सरकार आई है तो यह भाजपाई हो गए हैं. इनके बाप दादा जी भाजपाई थे, इनका कहना है लेकिन जनता भली-भांति जानती है. ये अलग बात है कि इनके रसूख के आगे सब चुप रहते हैं.
पत्रकार और अनाज माफिया के बीच संबंध का आडियो
इस प्रकरण पर दूसरा पक्ष पढ़िए-