यूपी में इन दिनों वो कहावत लागू होती हुई दिख रही है- अंधेर नगरी चौपट राजा… इस प्रदेश के दो विभिन्न जिलों से दो अजब-गजब फरमान निकले हैं.
एक जिले में कहा गया है कि सीएम साहब आने वाले हैं इसलिए इंजीनियर लोग विभिन्न जगहों पर खड़े रहकर छुट्टा सांड़ समेत अन्य आवारा पशु पकड़ेंगे.
एक अन्य जिले से फरमान आया है कि महिला शिक्षिकाएं सामूहिक विवाह में शामिल होने वाली दुल्हनों को सजाने का काम करेंगी.
इंजीनियरों के लिए छुट्टा पशु पकड़ने वाले आदेश का इंजीनियरों के संगठनों ने यह कहकर विरोध किया है कि इस काम के लिए इंजीनियर प्रशिक्षित नहीं होते हैं और अगर कोई हादसा हो गया तो इसके लिए इंजीनियर जिम्मेदार नहीं होंगे.
वहीं शिक्षिकाओं के लिए दुल्हन सजाने के फरमान पर जब बवाल शुरू हुआ तो इसे निरस्त कर दिया गया.
देखें दोनों आदेशों की प्रतियां….
यूपी के इन घटनाक्रमों पर दिल्ली के वरिष्ठ पत्रकार सत्येंद्र पी सिंह कहते हैं-
”यूपी में इस समय अजब गजब सरकारी आदेश आ रहे हैं। मुख्यमंत्री को सामूहिक विवाह कराना था तो प्राथमिक विद्यालय की अध्यापिकाओं को दुल्हन सजाने की ड्यूटी पर लगा दिया गया। मुख्यमंत्री को गंगा यात्रा करनी है तो इंजीनियरों को छुट्टा पशु पकड़ने की ड्यूटी पर लगा दिया गया है। अब बीटीसी में ब्यूटीशियन की ट्रेनिंग और इंजीनियरिंग में जानवर पकड़ने की ट्रेनिंग भी शामिल करनी होगी। आगे आगे देखिए कि अन्य विभागों के कर्मचारियों से क्या क्या करवाया जाता है। कांख कूंखकर भारत माता की जय बोलते रहें। इससे दर्द कम होगा। अगर फिर भी कम न हो तो पाकिस्तान मुर्दाबाद बोलें। फिर भी दर्द कम न हो तो मीयां तबाह हैं, यह सोचकर खुद को खुश फील करें।”