धर्मवीर-
पूर्व CAG विनोद रॉय आदतन झूठ बोलते थे। इसका आभास हमें हो चुका था और फ़ाइनली आज यह साबित भी हो गया।
- अन्ना हज़ारे
- बाबा रामदेव
- CAG विनोद रॉय
यह तीन नाम हैं जिन्होंने इस देश को सबसे बड़ा धोखा दिया। ऊपर वाले दो ने ऐसी समस्या का हल देश को सुझाया जिसको बढ़ा चढ़ाकर समस्या जैसा तीसरे आदमी ने बताया।
विनोद रॉय ने 2G स्कैम से लेकर कोयला स्कैम के ऐसे ऐसे फ़िगर देश को बताए कि बस पूछो मत। उन दिनों विनोद रॉय के मुँह से निकली बात ब्रह्म वाक्य मानी जाती थी इसलिए चाचा अपनी रौ में बहते हुए कांग्रेस सासंद संजय निरुपम के ख़िलाफ़ भी ना जाने क्या क्या आरोप लगाते गए।
सरकार के ऊपर लगाए आरोपों पर तो ख़ैर सरकार क्यूँ लड़ती। 2014 में विनोद जी की पसंदीदा पार्टी ही केंद्र की सरकार में क़ाबिज़ हो गई। लेकिन संजय निरुपम ने देश के सामने उनके बारे में उल्टी सीधी बातें बोलने को लेकर विनोद रॉय के ख़िलाफ़ मानहानि का केस कर दिया और लड़ाई जारी रखी।
आज विनोद रॉय साहब ने संजय निरुपम से अनकंडीशनल माफ़ी माँग ली है।
अदालत में लिखकर यह बताया है कि उन्होंने 2014 में संजय निरुपम के बारे में झूठ बोला था। संजय निरुपम एक एक भले आदमी हैं जिनकी मानहानि विनोद रॉय साहब ने की।
देश से माफ़ी कब माँगेंगे विनोद रॉय साहब! उस समय हुए काल्पनिक घोटालों की तिल जैसी रक़म को ताड़ बनाकर पेश कर दुनिया में भारत को बदनाम करने के लिए!
मनीष तिवारी-
पूर्व CAG विनोद राय ने अदालत में कांग्रेस नेता संजय निरुपम से बिना शर्त मुआफ़ी मांगी इस पर कांग्रेस ने कहा कि वे देश से भी मुआफी मांगें और ये बताएँ कि 2जी और कोयला घोटाले की कहानी फर्जी थी। अफसोस होता है कि देश को आज यह दिन भी देखना पड़ा जब पहली बार किसी संवैधानिक पद पर बैठे तत्कालीन CAG ने अदालत में झूठ बोलने के लिए माफ़ी मांगी हो।
मेरा मानना तो ये है कि इस मुआफ़ीनामे की लिस्ट में पूरे अन्ना आंदोलन से जुड़े उन सभी लोगों को सम्मिलित होना चाहिए जिन्होंने “मैं भी अन्ना तू भी अन्ना” का सामूहिक गाना गा करके रामलीला मैदान पर एक झूठे फरेबी और बेहद महत्वाकांक्षी व्यक्ति के झांसे में आ करके एक बेहद ईमानदार, नेक दिल और आधुनिक भारत के सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी के साफ सुथरे राजनैतिक जीवन को बेईमान घोषित किया था।
मेरी नजर में मुआफ़ी वर्तमान केन्द्र की मोदी सरकार को भी माँगनी चाहिए कि उन्होंने विनोद राय जैसे कपटी इंसान जिसे उन्होंने पारितोषिक के तौर पर सरकार बनते ही सबसे कमाऊ संस्था बीसीसीआई का अध्यक्ष बना दिया था और आज भी रेलवे के कायाकल्प परिषद के सदस्य के तौर पर रखा गया है जिनके कथन पर 2014 के चुनाव प्रचार में हर मंच से सरदार मनमोहन सिंह को बेईमान घोषित किया था।
मेरी नजर में मुआफ़ी हम सभी देशवासियों को भी मनमोहन सिंह जी से माँगनी चाहिए जिन जिन लोगों ने इन धूर्त लोगों के चक्कर में फँस कर अन्ना आंदोलन को अपना नैतिक समर्थन देते हुए एक बेहद संजीदे और योग्य अर्थशास्त्री प्रधानमंत्री पर घटिया टिप्पणी करते हुए उनके आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाई थी।
सच ही सरदार जी आपने कभी कहा था कि “मेरा मूल्यांकन आज नहीं कल होगा जब मेरे कार्यकाल का इतिहास लिखा जायेगा”।
आज तो इस देश की नियति बन गई है कि अपने देश के उन महान लोगों की आलोचना करो उन्हें कोसो जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी इस देश की खुशहाली तरक्की और आजादी में लगाई थी।
संभवतः मनमोहन सिंह उस परंपरा के अंतिम बेहतरीन शानदार और योग्य क़ाबिल इंसान रहे हैं। हमें आप पर तब भी गर्व था और आज भी फ़ख्र है और साथ ही ये भरोसा भी है कि एक दिन उन तमाम लोगों की आँखों पर लगी पट्टी भी खुलेगी जिन्होंने आपके लिए कितने अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया था। ईश्वर आपको दीर्घायु रखे।