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एपीआई अंसल के 606 करोड़ के घोटाले को घोट गया दैनिक जागरण

ऋषि मिश्र-

केवल छोटी दो कॉलम खबर में एक कॉलम कंपनी का पक्ष.. 606 करोड़ के फंड डाइवर्जन के संबंध में एक लाइन नहीं छापी… टीओआई और अमर उजाला में अच्‍छी कवरेज, एनबीटी-हिंदुस्तान ने की खानापूरी

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प्रदेश के सबसे बड़े घोटालेबाज बिल्‍डर एपीआई अंसल की खबर में 606 करोड़ के घोटाले के तथ्‍य को दुनिया का नंबर एक हिंदी अखबार दैनिक जागरण शुक्रवार के अंक में घोट गया.

बताया जा रहा है कि अंसल के मैनेजरों ने अपने एजेंटों के जरिये सेटिंग कर ली. इसका नतीजा नजर आया.

606 करोड़ रुपए के फंड डाइवर्जन को छोड़ कर अखबार ने अपनी दबी हुई छोटी दो कॉलम खबर को छापा है, जिसके करीब आधे हिस्‍से में अंसल का पक्ष है.

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इस प्रकरण में अमर उजाला और टाइम्‍स ऑफ इंडिया की कवरेज बहुत अच्‍छी है. एनबीटी और हिंदुस्‍तान खानापूरी करते हुए नजर आ रहे हैं.

अंसल पर रेरा के एक्‍शन की खबर रुकवाने के लिए ऐसे किया मीडिया मैनेजमेंट

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राजधानी लखनऊ के अखबारों में प्रदेश की सबसे बड़ी रीयल एस्‍टेट घोटालेबाज कंपनी एपीआई अंसल को बचाने के लिए गुरुवार की देर शाम तक मीडिया मैनेजमेंट के किया जाता रहा. इसमें बीट रिपोर्टर से लेकर विज्ञापन के वरिष्‍ठ प्रबंधकों से संपर्क साधने में कंपनी के अधिकारी और उनके मीडिया सर्विस प्रोवाइडर लगे रहे.

अंसल के नहीं छपते विज्ञापन फिर भी क्‍यों प्रबंधक रुकवाते हैं खबर

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एपीआई अंसल कंपनी का कोई भी बड़ा व्‍यवसायिक विज्ञापन पिछले काफी समय से अखबारों में नहीं आ रहा है. इसके बावजूद विज्ञापन प्रबंधक संपादकीय विभाग पर इस कंपनी की खबर रुकवाने का दबाव बनाते हैं और अधिकांशतः कामयाब भी हो जाते हैं.

यूपी RERA ने अंसल एपीआई की सुशांत गोल्फ की तीन परियोजनाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है. इसमें से दो को डीरजिस्टर किया गया है. अध्यक्ष राजीव कुमार ने ये कार्रवाई की है. करीब 606 करोड़ रुपए की राशि की गंभीर वित्तीय अनियमितताओं, फंड डायवर्सन पाया गया है. रेरा अध्‍यक्ष राजीव कुमार ने बताया कि हमने उन्हें बार-बार नोटिस जारी की है. जवाब देने के लिए पर्याप्त समय दिया मगर जवाब नहीं दिया गया है. एक फोरेंसिक ऑडिट मेसर्स करी एंड ब्राउन ने किया था जो कि तीन प्रोजेक्ट में किया गया था जिनमें अनेक गड़बडि़यां पाई गईं.

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साभार- नागरिक ठिकाना डॉट कॉम

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