-सौमित्र/मनोज-
अर्नब गोस्वामी ने अलिबाग क्वारेंटीन सेंटर (अस्थाई जेल) में मोबाइल फ़ोन का इस्तेमाल किया। इसके बाद पुलिस उन्हें अभी तलोजा जेल पटक आई है।
मुम्बई से 50 किमी दूर तलोजा जेल को अंडरवर्ल्ड का ठिकाना माना जाता है।
आर्थर रोड जेल से खूंखार अपराधियों को तलोजा भेजा गया है। क्लास अब शुरू होगी। (पूछता है भारत)
रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ़ अर्नब गोस्वामी को तलोजा जेल शिफ़्ट किया गया है जहां दाऊद जैसे आतंकियों के गुर्गों को रखा गया है। जेल शिफ़्ट करते समय बेहद घबराये नजर आ रहे गोस्वामी ने पुलिस वैन के भीतर से अपनी जान के ख़तरे की आशंका जताई। अर्नब ने कहा कि आज सुबह जेलर ने खुद उनसे मारपीट की। गोस्वामी ने सुप्रीम कोर्ट से मदद की गुहार लगाई है।
-समर अनार्या-
महाराष्ट्र सरकार ने अर्नब गोस्वामी को अस्थाई जेल से घसीट असली, तलोजा जेल भेज दिया है।
जुर्म?
जेल में मोबाइल फ़ोन का इस्तेमाल।
ये सरकार एकदम क्लिनिकल है!
बाक़ी: जेल गाड़ी से चीखते अर्नब को देख सुकून बहुत हुआ- मार दिए जाने के डर से काँप रहा अर्नब- ये लोग मुझे मार देंगे, सुप्रीम कोर्ट को बताओ!
सुप्रीम कोर्ट को पता है मुन्ना। सब पता है! बस तुम्हारे नाम का सिक्का खोटा निकल गया है- बिहार तक में ना चला!
हाँ- तुम्हारा डर देख वे सभी याद आए जिनको तुमने जेल भिजवाया है- रिया, उमर ख़ालिद, कन्हैया, सुधा भारद्वाज, फादर स्टेन स्वामी- लाखों। उनमें से किसी के चेहरे पर वह डर नहीं था जो तुम्हारे चेहरे पर दिखा। जानते हो क्यों? क्योंकि वे कायर नहीं है। ग़लत भी नहीं।